हम जब भी मेल भेजते हैं तो हम एक निशान का
इस्तेमाल करते हैं @ इसके बिना मेल का पता पूरा
नहीं होता या यूं कहें कि मेल जाएगा ही नहीं
तो क्या इसका मकड़जाल, जो समझना जरूरी है
इंटरनेट, ई-मेल और सोशल नेटवर्क के इस जमाने में हम @
इस प्रतीक का खूब इस्तेमाल करते हैं। लेकिन कभी
आपने सोचा है कि इस @ यानी 'ऐट द रेट ऑफ'
निशान का इस्तेमाल पहली बार कब हुआ? अंग्रेजी में
ये प्रतीक अक्षर कहां से आया?
अगर, आप अंग्रेजी नहीं बोलते हैं तो इसके बारे में बात
करना और भी दिलचस्प होगा। तो चलिए इस @ से
जुड़े दिलचस्प किस्से आपको सुनाते हैं।
दुनिया भर में अलग-अलग जुबानें बोलने वाले इस 'ऐट द
रेट ऑफ' को अलग नामों से बुलाते हैं। मसलन,
आर्मीनियाई जुबान में इसे दुबका हुआ कुत्ते का
बच्चा कहते हैं। वहीं चीन में घुमावदार ए कहते हैं।
ताईवान में बोली जाने वाली चीनी भाषा में इसे
छोटा चूहा कहते हैं। वहीं, डेनिश जुबान में हाथी की
सूंड़।
यूरोप के ही एक और देश में @ को कीड़ा कहते हैं।
वहीं, मध्य एशियाई देश कजाखिस्तान में चांद का
कान। जर्मनी में @ को स्पाइडर मंकी, यानी मकड़ी
की तरह चिपकने वाला बंदर। यूनानी @ को छोटी
बत्तख़ के नाम से बुलाते हैं।
ऐसा नहीं कि हर देश में @ यानी ऐट द रेट ऑफ
प्रतीक को जानवरों वाला नाम ही दिया गया
हो। बोस्निया में इसे झक्की A कहते हैं। वहीं
स्लोवाकिया में अचारी फिश रोल, तो तुर्की में
खूबसूरत वाला A कहकर बुलाते हैं।
इसकी कहानी और इतिहास भी दिलचस्प है
ई-मेल के पते के लिए सबसे पहले @ प्रतीक का
इस्तेमाल 1971 में हुआ था। 29 बरस के कंप्यूटर
इंजीनियर रे टॉमलिंसन ने सबसे पहले ई-मेल के पते के
लिए इस प्रतीक का इस्तेमाल किया। रे ने इसे अपने
नए ई-मेल सिस्टम में इस्तेमाल करने के लिए चुना था।
आज यही प्रतीक @ पूरी दुनिया में ई-मेल के पते के
लिए इस्तेमाल हो रहा है।
उस वक्त तक ई-मेल का बहुत इस्तेमाल नहीं हो रहा
था। इंटरनेट था नहीं। रे टॉमलिंसन ने इस प्रतीक को
चाहे जो सोचकर चुना हो, मगर ये बैठता खूब सटीक
है कि आप फलां ई-मेल या डोमेन को मेल भेज रहे हैं।
ई-मेल का पता बताने के लिए इस्तेमाल होने से पहले
भी @ सिंबल का अंग्रेजी में प्रयोग हो रहा था।
मगर, ज्यादातर ये भाव बताने के लिए होता था।
जैसे, दस सेंट प्रति रोटी के भाव से बीस रोटियां का
भाव बताना। यानी बीस रोटिंया @ दस सेंट।
आज आप बड़े आराम से एक बटन दबाते हैं, इस @ चिन्ह
को मेल के पते में इस्तेमाल करते हैं। फिर आपका ये ई-
खत सही आदमी तक पहुंच जाता है। सोचिए जरा, ये
'ऐट द रेट ऑफ' यानी @ आज पूरी दुनिया पर राज
कर रहा है।
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