Sunday, 11 December 2016
Sunday, 11 September 2016
Saturday, 10 September 2016
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Thursday, 8 September 2016
Wednesday, 3 August 2016
Kabali box office collections: Rajinikanth does the impossible, beats the Bollywood brigade with Rs 670 cr take
Kabali box office collections : Rajinikanth has
pulled of a miracle of sorts. The southern
superstar has created a gigantic hit film that
has demolished all previous records and ruined
reputations of many megastars to reach the No.
1 spot in India. Here is how it all happened,
blow-by-blow: as expected, in Rajinikanth’s
Kabali movie way were the familiar foes
(professionally speaking) that included Aamir
Khan, Salman Khan, Shah Rukh Khan and to an
extent Hrithik Roshan and Akshay Kumar. All of
them over the years had smashed records
aplenty and cornered glory for themselves with
their standout movies. Now, with Rajinikanth’s
Kabali, they themselves were caught by the
whirlwind he created and tossed aside.
Nothing has been able to withstand the
onslaught of Kabali. In fact, the over-the-top
superman-type of stunts that Rajinikanth pulls
off with so much ease on screen, is singularly
reminiscent of what Kabali movie has done vis a
vis the competition. In short, Rajinikanth has
fought the big fight against the best of the
Bollywood supertsars and come out on top. The
list starts with Aamir Khan and ends with
Rajinikanth re-establishing himself as the pre-
eminent force in Indian cinema.
Bollywood superstar Aamir Khan was ruling the
roost with PK, which had box office collections
of Rs 625.65 cr (lifetime). Few, if anyone, could
even have imagined any one could beat this
record. However, the industry analysts did not
factor in the potential of dark horse Rajinikanth
and his latest release Kabali even though it was
pretty much evident that something special was
going on when AirAsia unveiled its jetplane all
liveried up in Kabali colours! Now, with earnings
figures like this, who could ever stand in the
way: Rs 200 cr from marketing push, Rs 211
crore from the Indian collections and another
Rs 259 cr from the international market. What
this all adds up to is the new No. 1 in India!
While all his fans may think Rajinikanth can do
miracles, this present feat will really convince a
lot of others that he actually did! However,
everyone should remember that the folks at
Bollywood are nothing if not smart and they will
be plotting to get back the title from southern
superhero Rajinikanth. The challenge may
appear as early as August when Mohenjo Daro
starring Hrithik Roshan and Rustom starring
Akshay Kumar are launched. But fortunately for
Kabali, both these Bollywood movies are
releasing on the same day and would therefore
hurt each others collections, all things being
equal. You never know when and if a
controversy about a movie is going to hit the
public and it suddenly finds itself at the centre
of all attention and this boosts the box office
collections immensely.
While PK was the unseated champion, the then
No 2 position was that of Salman Khan’s Sultan.
The movie had just beaten Dhoom 3 (also
starring Aamir Khan) and became number 2 and
all of a sudden Kabali rushed to the top
position, pushing Sultan to No 3 with overall
collections of Rs 568.76 crore.
Salman Khan was again the injured party as his
other superhit film, Bajrangi Bhaijaan got
demoted. It had a collection of Rs 486.95 cr
overall from all sources and it too fell by one
position. It would be pertinent here to point out
that while in India the collections figures of the
Bollywood biggies is huge, Rajinikanth managed
to overtake them as his sensational foreign
collections went through the roof. Fortunately
for Rajinikanth, even if one of the Bollywood
films manages to beat his top collections figure,
he has a chance to get back on top with
Enthiran 2.0. It is always good to hedge one’s
bet and that is what this new Rajinikanth movie
will be all about.
Tuesday, 2 August 2016
@ इस निशान को पहचानते ही होंगे लेकिन इसके मकड़जाल को जानना है आपके लिए जरूरी
हम जब भी मेल भेजते हैं तो हम एक निशान का
इस्तेमाल करते हैं @ इसके बिना मेल का पता पूरा
नहीं होता या यूं कहें कि मेल जाएगा ही नहीं
तो क्या इसका मकड़जाल, जो समझना जरूरी है
इंटरनेट, ई-मेल और सोशल नेटवर्क के इस जमाने में हम @
इस प्रतीक का खूब इस्तेमाल करते हैं। लेकिन कभी
आपने सोचा है कि इस @ यानी 'ऐट द रेट ऑफ'
निशान का इस्तेमाल पहली बार कब हुआ? अंग्रेजी में
ये प्रतीक अक्षर कहां से आया?
अगर, आप अंग्रेजी नहीं बोलते हैं तो इसके बारे में बात
करना और भी दिलचस्प होगा। तो चलिए इस @ से
जुड़े दिलचस्प किस्से आपको सुनाते हैं।
दुनिया भर में अलग-अलग जुबानें बोलने वाले इस 'ऐट द
रेट ऑफ' को अलग नामों से बुलाते हैं। मसलन,
आर्मीनियाई जुबान में इसे दुबका हुआ कुत्ते का
बच्चा कहते हैं। वहीं चीन में घुमावदार ए कहते हैं।
ताईवान में बोली जाने वाली चीनी भाषा में इसे
छोटा चूहा कहते हैं। वहीं, डेनिश जुबान में हाथी की
सूंड़।
यूरोप के ही एक और देश में @ को कीड़ा कहते हैं।
वहीं, मध्य एशियाई देश कजाखिस्तान में चांद का
कान। जर्मनी में @ को स्पाइडर मंकी, यानी मकड़ी
की तरह चिपकने वाला बंदर। यूनानी @ को छोटी
बत्तख़ के नाम से बुलाते हैं।
ऐसा नहीं कि हर देश में @ यानी ऐट द रेट ऑफ
प्रतीक को जानवरों वाला नाम ही दिया गया
हो। बोस्निया में इसे झक्की A कहते हैं। वहीं
स्लोवाकिया में अचारी फिश रोल, तो तुर्की में
खूबसूरत वाला A कहकर बुलाते हैं।
इसकी कहानी और इतिहास भी दिलचस्प है
ई-मेल के पते के लिए सबसे पहले @ प्रतीक का
इस्तेमाल 1971 में हुआ था। 29 बरस के कंप्यूटर
इंजीनियर रे टॉमलिंसन ने सबसे पहले ई-मेल के पते के
लिए इस प्रतीक का इस्तेमाल किया। रे ने इसे अपने
नए ई-मेल सिस्टम में इस्तेमाल करने के लिए चुना था।
आज यही प्रतीक @ पूरी दुनिया में ई-मेल के पते के
लिए इस्तेमाल हो रहा है।
उस वक्त तक ई-मेल का बहुत इस्तेमाल नहीं हो रहा
था। इंटरनेट था नहीं। रे टॉमलिंसन ने इस प्रतीक को
चाहे जो सोचकर चुना हो, मगर ये बैठता खूब सटीक
है कि आप फलां ई-मेल या डोमेन को मेल भेज रहे हैं।
ई-मेल का पता बताने के लिए इस्तेमाल होने से पहले
भी @ सिंबल का अंग्रेजी में प्रयोग हो रहा था।
मगर, ज्यादातर ये भाव बताने के लिए होता था।
जैसे, दस सेंट प्रति रोटी के भाव से बीस रोटियां का
भाव बताना। यानी बीस रोटिंया @ दस सेंट।
आज आप बड़े आराम से एक बटन दबाते हैं, इस @ चिन्ह
को मेल के पते में इस्तेमाल करते हैं। फिर आपका ये ई-
खत सही आदमी तक पहुंच जाता है। सोचिए जरा, ये
'ऐट द रेट ऑफ' यानी @ आज पूरी दुनिया पर राज
कर रहा है।
हमारे शरीर से होठों का रंग अलग होता है लेकिन क्यों???
आपने कभी गौर किया है कि हमारे शरीर से
होठों का रंग अलग होता है, लेकिन ऐसा क्यों
होता है ये नहीं पता होगा...तो हम बता तो रहे
हैं भाई पढ़िए इसे।
क्या आपको पता है आपके शरीर का ऐसा अंग
जिसके बिना आप अपने प्यार का इज़हार नहीं कर
सकते हैं? जी हां हम आपके होठों की बात कर रहे हैं।
आप होठों को मिलाए बिना अक्षर ‘P’ नहीं बोल
सकते हैं। हमें पता है आप कोशिश भी कर रहे होंगे।
आप वो मछली की तरह फनी फेस बनाते हैं न, तो
होठों के बिना वो भी नहीं बना पाएंगे।
होठों के बारे में एक खास बात ये है कि इसका कलर
बॉडी के कलर से बहुत ही अलग होता है। आप ये भी
सोच रहे होंगे कि शरीर के और भी कई अंग ऐसे हैं
जिनका कलर बॉडी के कलर से अलग होता है। तो
फ़िलहाल हम होंठ की बात कर रहे हैं। आइये देखते हैं
ऐसा क्यों होता है।
क्या आपको पता है कि आपके स्किन की जो
बाहरी परत है उसे ‘Epidermis’ और भीतरी परत को
‘Dermis’ कहते हैं। Epidermis में एक और परत होती है
जिसे ‘Stratum corneum’ कहते हैं। इस परत का काम
आपकी स्किन का बचाव करना होता है। यह बात
तो स्किन की हो गयी अब देखते हैं होंठों में क्या
होता है।
होंठों में भी यही तीन परतें होती हैं पर ‘Stratum
corneum’ की परत स्किन में जितनी मोटी होती है,
होठों में उतनी मोटी नहीं होती है। हम ये भी कह
सकते हैं कि होंठों में यह परत बहुत ही पतली होती
है। जिससे होठों का रंग शरीर के रंग से अलग होता है।
अभी भी एक रुपये में मिलती हैं ये चीजें, अब मत कहना एक रुपये में आता क्या है?
हम सभी कहते हैं कि एक रुपये में आता क्या है?
ये कहते हुए तो बहुत लोगों से सुना ही होगा
लेकिन हम आपको बताते हैं कि एक रुपये में आप
क्या क्या खरीद सकते हैं।
जिसे देखो सब लोग यही कहते रहते है कि आज के
ज़माने में एक रूपये में क्या मिलता है। तो आइये हम
आपको इससे जुडी कुछ बातों से आपको रूबरू कराते हैं।
आज के जमाने में एक रूपये में मिलती हैं ये चीजें
लगभग लगभग सभी लोगों ने शाहरुख खान और
दीपिका पादुकोण की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘ओम
शांति ओम’ का यह डायलोग तो सुना ही होगा
“एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो रमेश
बाबू?” अगर इसका जवाब रमेश बाबू ने ‘एक रुपया’
दिया होता तो वो गलत नहीं होते।
क्या कहते थे बड़े बुजुर्ग
आपने अपने घर के बुजुर्गों को अक्सर कहते सुना होगा
कि हमारे जमाने में एक रुपए में क्या-क्या आ जाता
था। द फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के
मुताबिक आज बेशक कहा जाने लगा हो कि एक रुपये
की कोई कीमत नहीं। एक रुपए में कुछ नहीं आता।
लेकिन ऐसी बात नहीं है। आपको बताने जा रहे हैं कि
एक रुपए में आज भी क्या क्या खरीदा जा सकता है।
एक रूपये में मिलने वाली चीजें
1.कपड़ों के बटन और हुक
2.कॉफी का छोटा पाउच
3.शैम्पू का सैशे
4.कैंडीज (कैडबरीज एक्लेयर्स)
5.सेफ्टी पिन्स
6.फोटोस्टेट कॉपी
7.सिरदर्द की गोली
8.सिंदूर और बिंदी
9.माउथफ्रैशनर
10.वॉशिंग पाउडर सैशे
अब पता चल गया ना कि एक रूपया कितना काम
का है...अब मत कहना कि एक रुपये में आता क्या?
HOW TO MAKE AND DESTROY INDIAN CURRENCY ???
नोट चाहिए सभी को होता है सभी को इसकी
जरूरत भी होती है लेकिन आपको पता है ये नोट
बनता कैसे है और इसको खत्म कैसे किया जाता
है, ये जानना भी उतना ही जरूरी है जितना
नोटों को खर्च करना।
पैसा-पैसा सब करते हैं लेकिन ये पैसा, रुपया बनता कैसे
है और इसे कैसे खत्म किया जाता है इस बात की
जानकारी है आपको? रुपये को लेकर आपकी
जानकारी बस यही होगी कि बैंक में जमा कर दो
और जरूरत पढ़ने पर निकाल लो तो भइया आप बैंक तक
ही सीमित ना रहे और जानें इस रुपये के साथ क्या
होता है और आपके हाथों में आता कैसे है।
सबसे पहली बात जान लो...रुपये का कागज तैयार
करने के लिए दुनिया में चार फर्म हैं। फ्रांस की
अर्जो विगिज, अमेरिका का पोर्टल। स्वीडन का
गेन, पेपर फैब्रिक्स ल्यूसेंटल।
पढ़ें- हवाई जहाज में सफर किया है कभी? तो बताओ
इसकी खिड़कियां गोल क्यों होती हैं
कैसे तय होता है कि बैंक किस मूल्य के कितने नोट
छापेगा?
यह विकास दर, मुद्रास्फीति दर, कटे-फटे नोटों की
संख्या और रिजर्व स्टॉक की जरूरतों पर निर्भर
करता है।
इन्हें कहां पर छापा जाता है स्याही, कागज कहां
का?
देश में चार बैंक नोट प्रेस, चार टकसाल और एक पेपर
मिल है। नोट प्रेस मध्य प्रदेश के देवास, नासिक,
सालबोनी और मैसूर में हैं। 1000 के नोट मैसूर में छपते
हैं। देवास की नोट प्रेस में एक साल में 265 करोड़ नोट
छपते हैं। देवास में तैयार स्याही का ही उपयोग
किया जाता है। इनमें 20, 50, 100, 500 रुपए मूल्य के
नोट शामिल हैं।
मध्य प्रदेश के ही होशंगाबाद में सिक्यॉरिटी पेपर
मिल है। नोट छपाई पेपर होशंगाबाद और विदेश से
आते हैं। जबकि टकसाल मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता
और नोएडा में हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नोट तैयार करने के लिए
कॉटन से बने कागज और खास तरह की स्याही का
इस्तेमाल किया जाता है। भारतीय करंसी नोट
तैयार करने के लिए जिस कागज का इस्तेमाल होता
है, उसमें कुछ का प्रोडक्शन महाराष्ट्र स्थित करंसी
नोट प्रेस (सीएनपी) और अधिकांश का प्रोडक्शन
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद पेपर मिल में ही होता है।
कुछ पेपर इम्पोर्ट भी किया जाता है।
नोट छापने के लिए ऑफसेट स्याही का निर्माण
मध्य प्रदेश के देवास स्थित बैंकनोट प्रेस में होता है।
जबकि नोट पर जो उभरी हुई छपाई नजर आती है,
उसकी स्याही सिक्कम में स्थित स्वीस फर्म की
यूनिट सिक्पा (एसआईसीपीए) में बनाई जाती है।
हम तक करेंसी कैसे पहुंचती है रिजर्व बैंक के देशभर में
18 इश्यू ऑफिस हैं। ये अहमदाबाद, बेंगलुरू,बेलापुर,
भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी,
हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकाता, मुंबई,
नागपुर, नई दिल्ली, पटना व थिरुवनंतपुरम में स्थित हैं।
इसके अलावा एक सब-ऑफिस लखनऊ में है। प्रिंटिग
प्रेस में छपे नोट सबसे पहले इन ऑफिसों में पहुंचते हैं।
यहां से उन्हें कमर्शियल बैंक की शाखाओं को भेजा
जाता है।
बेकार हो चुके नोटों को कहां जमा करते हैं?: नोट
तैयार करते वक्त ही उनकी ‘शेल्फ लाइफ’ (सही बने
रहने की अवधि) तय की जाती है। यह अवधि समाप्त
होने पर या लगातार प्रचलन के चलते नोटों में खराबी
आने पर रिजर्व बैंक इन्हें वापस ले लेता है। बैंक नोट व
सिक्के सर्कुलेशन से वापस आने के बाद इश्यू ऑफिसों
में जमा कर दिए जाते हैं।
रिजर्व बैंक सबसे पहले इनके असली होने की जांच
करता है। उसके बाद इन नोटों को अलग किया
जाता है, जो दोबारा जारी किए जा सकते हैं।
बेकार हो चुके नोटों को नष्ट कर दिया जाता है।
इसी तरह सिक्कों को गलाने के लिए मिंट भेज
दिया जाता है।
कैसे छपते हैं
विदेश या होशंगाबाद से आई पेपर शीट एक खास
मशीन सायमंटन में डाली जाती है। फिर एक अन्य
मशीन जिसे इंटाब्यू कहते हैं उससे कलर किया जाता
है। यानी कि शीट पर नोट छप जाते हैं। इसके बाद
अच्छे और खराब नोट की छटनी हो जाती है। एक
शीट में करीब 32 से 48 नोट होते हैं। खराब को
निकालकर अलग करते हैं।
कैसे नंबर अंकित करते हैं
शीट पर छप गए नोटों पर नंबर डाले जाते हैं। फिर शीट
से नोटों को काटने के बाद एक-एक नोट की जांच
की जाती है। फिर इन्हें पैक किया जाता है। पैकिंग
के बाद बंडलों को विशेष सुरक्षा में ट्रेन से भारतीय
रिजर्व बैंक तक भेजा जाता है।
क्या खासियत होती है इनमें
बैंक नोट की संख्या चमकीली स्याही से मुद्रित
होती है। बैंक नोट में चमकीले रेशे होते हैं।
अल्ट्रावायलेट रोशनी में देखे जा सकते हैं। कॉटन और
कॉटन के रेशे मिश्रित एक वॉटरमार्क पेपर पर नोट
मुद्रित किया जाता है।
जरूरत भी होती है लेकिन आपको पता है ये नोट
बनता कैसे है और इसको खत्म कैसे किया जाता
है, ये जानना भी उतना ही जरूरी है जितना
नोटों को खर्च करना।
पैसा-पैसा सब करते हैं लेकिन ये पैसा, रुपया बनता कैसे
है और इसे कैसे खत्म किया जाता है इस बात की
जानकारी है आपको? रुपये को लेकर आपकी
जानकारी बस यही होगी कि बैंक में जमा कर दो
और जरूरत पढ़ने पर निकाल लो तो भइया आप बैंक तक
ही सीमित ना रहे और जानें इस रुपये के साथ क्या
होता है और आपके हाथों में आता कैसे है।
सबसे पहली बात जान लो...रुपये का कागज तैयार
करने के लिए दुनिया में चार फर्म हैं। फ्रांस की
अर्जो विगिज, अमेरिका का पोर्टल। स्वीडन का
गेन, पेपर फैब्रिक्स ल्यूसेंटल।
पढ़ें- हवाई जहाज में सफर किया है कभी? तो बताओ
इसकी खिड़कियां गोल क्यों होती हैं
कैसे तय होता है कि बैंक किस मूल्य के कितने नोट
छापेगा?
यह विकास दर, मुद्रास्फीति दर, कटे-फटे नोटों की
संख्या और रिजर्व स्टॉक की जरूरतों पर निर्भर
करता है।
इन्हें कहां पर छापा जाता है स्याही, कागज कहां
का?
देश में चार बैंक नोट प्रेस, चार टकसाल और एक पेपर
मिल है। नोट प्रेस मध्य प्रदेश के देवास, नासिक,
सालबोनी और मैसूर में हैं। 1000 के नोट मैसूर में छपते
हैं। देवास की नोट प्रेस में एक साल में 265 करोड़ नोट
छपते हैं। देवास में तैयार स्याही का ही उपयोग
किया जाता है। इनमें 20, 50, 100, 500 रुपए मूल्य के
नोट शामिल हैं।
मध्य प्रदेश के ही होशंगाबाद में सिक्यॉरिटी पेपर
मिल है। नोट छपाई पेपर होशंगाबाद और विदेश से
आते हैं। जबकि टकसाल मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता
और नोएडा में हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नोट तैयार करने के लिए
कॉटन से बने कागज और खास तरह की स्याही का
इस्तेमाल किया जाता है। भारतीय करंसी नोट
तैयार करने के लिए जिस कागज का इस्तेमाल होता
है, उसमें कुछ का प्रोडक्शन महाराष्ट्र स्थित करंसी
नोट प्रेस (सीएनपी) और अधिकांश का प्रोडक्शन
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद पेपर मिल में ही होता है।
कुछ पेपर इम्पोर्ट भी किया जाता है।
नोट छापने के लिए ऑफसेट स्याही का निर्माण
मध्य प्रदेश के देवास स्थित बैंकनोट प्रेस में होता है।
जबकि नोट पर जो उभरी हुई छपाई नजर आती है,
उसकी स्याही सिक्कम में स्थित स्वीस फर्म की
यूनिट सिक्पा (एसआईसीपीए) में बनाई जाती है।
हम तक करेंसी कैसे पहुंचती है रिजर्व बैंक के देशभर में
18 इश्यू ऑफिस हैं। ये अहमदाबाद, बेंगलुरू,बेलापुर,
भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी,
हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकाता, मुंबई,
नागपुर, नई दिल्ली, पटना व थिरुवनंतपुरम में स्थित हैं।
इसके अलावा एक सब-ऑफिस लखनऊ में है। प्रिंटिग
प्रेस में छपे नोट सबसे पहले इन ऑफिसों में पहुंचते हैं।
यहां से उन्हें कमर्शियल बैंक की शाखाओं को भेजा
जाता है।
बेकार हो चुके नोटों को कहां जमा करते हैं?: नोट
तैयार करते वक्त ही उनकी ‘शेल्फ लाइफ’ (सही बने
रहने की अवधि) तय की जाती है। यह अवधि समाप्त
होने पर या लगातार प्रचलन के चलते नोटों में खराबी
आने पर रिजर्व बैंक इन्हें वापस ले लेता है। बैंक नोट व
सिक्के सर्कुलेशन से वापस आने के बाद इश्यू ऑफिसों
में जमा कर दिए जाते हैं।
रिजर्व बैंक सबसे पहले इनके असली होने की जांच
करता है। उसके बाद इन नोटों को अलग किया
जाता है, जो दोबारा जारी किए जा सकते हैं।
बेकार हो चुके नोटों को नष्ट कर दिया जाता है।
इसी तरह सिक्कों को गलाने के लिए मिंट भेज
दिया जाता है।
कैसे छपते हैं
विदेश या होशंगाबाद से आई पेपर शीट एक खास
मशीन सायमंटन में डाली जाती है। फिर एक अन्य
मशीन जिसे इंटाब्यू कहते हैं उससे कलर किया जाता
है। यानी कि शीट पर नोट छप जाते हैं। इसके बाद
अच्छे और खराब नोट की छटनी हो जाती है। एक
शीट में करीब 32 से 48 नोट होते हैं। खराब को
निकालकर अलग करते हैं।
कैसे नंबर अंकित करते हैं
शीट पर छप गए नोटों पर नंबर डाले जाते हैं। फिर शीट
से नोटों को काटने के बाद एक-एक नोट की जांच
की जाती है। फिर इन्हें पैक किया जाता है। पैकिंग
के बाद बंडलों को विशेष सुरक्षा में ट्रेन से भारतीय
रिजर्व बैंक तक भेजा जाता है।
क्या खासियत होती है इनमें
बैंक नोट की संख्या चमकीली स्याही से मुद्रित
होती है। बैंक नोट में चमकीले रेशे होते हैं।
अल्ट्रावायलेट रोशनी में देखे जा सकते हैं। कॉटन और
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प्राइम सब्सक्रिप्शन भारत में लांच कर दिया है
अमेजन इंडिया पर शॉपिंग करना अब और आसान हो
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भी ऑर्डर करेंगे वो उन्हें 1 से 2 दिन में मिल जाएगा।
फिलहाल इसे 60 दिन के ट्रायल पर लांच किया गया
है। 60 दिन के बाद यूजर्स को इसका सब्सक्रिप्शन
लेना होगा। आपको बता दें कि ट्रायल के बाद
अमेजन प्राइम का सब्सक्रिप्शन चार्ज 499 रुपये हैं।
हालांकि, भारत में सब्सक्रिप्शन की कीमत 999 रुपये
प्रति साल है लेकिन ये साफ नहीं हुआ है कि ट्रायल
के बाद की ये कीमत कब तक वैलिड होगी।
क्या-क्या मिलेगी सुविधा?
1- अनलिमिटेड एक और दो दिन में डिलीवरी दी
जाएगी।
2- अमेजन पर आने वाले ऑफर्स की जानकारी सबसे
पहले प्राइस यूजर्स के पास आएगी।
पढ़े, जल्द ही स्मार्टफोन बाजार में कदम रखेगा
वनप्लस 3 का सॉफ्ट गोल्ड वेरिएंट
3- देशभर के 20 शहरों के यूजर्स फास्ट डिलीवरी का
मजा उठा पाएंगे।
4- इसके साथ ही जिन शहरों में एक या दो दिन में
डिलीवरी नहीं दी जाती है उन्हें फ्री डिलीवरी
दी जाएगी।
5- यही नहीं, चाहें कितने का भी ऑर्डर हो उसपर
किसी तरह का डिलीवरी चार्ज नहीं लगेगा।
आपको बता दें कि अमेरिका के प्राइम मेंबर्स को
साल के 99 डॉलर रुपये चुकाने होते हैं यानि करीब
6700 रुपये। ऐसे में देखा जाए तो भारत मे निर्धारित
की गई कीमत फायदे का सौदा है। अमेरिका के
प्राइम मेंबर्स को ई-बुक, मुफ्त अनलिमिटेड फोटो
स्टोरेज, म्यूजिक और वीडियो का एक्सेस दिया
जाता है। हालांकि, ये सर्विस फिलहाल भारत में
लांच नहीं की गई है लेकिन उम्मीद जताई जा रही है
कि जल्द ही इन सर्विसेज को भारत में लांच किया
जाएगा।
Amazon:Great Indian Sell
अमेजन इंडिया पर 8 अगस्त से शुरु होगी ग्रेट इंडियन सेल, लैपटॉप और स्मार्टफोन समेत कई डिवाइस पर मिलेगा भारी-भरकम डिस्काउंट
ऑनलाइन शॉपिंग साइट अमेजन इंडिया पर जल्द
ही वार्षिक ग्रेट इंडियन सेल शुरु होने जा रही है।
अमेजन इंडिया ये सेल 8 अगस्त से लेकर 10 अगस्त
तक आयोजित करेगी
ऑनलाइन शॉपिंग साइट अमेजन इंडिया पर जल्द ही
वार्षिक ग्रेट इंडियन सेल शुरु होने जा रही है। अमेजन
इंडिया ये सेल 8 अगस्त से लेकर 10 अगस्त तक
आयोजित करेगी जिसमें स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप,
पर्सनल कंप्यूटर और अन्य कैटेगरी के प्रोडेक्ट्स पर
डिस्काउंट दिया जाएगा। आपको बता दें कि
कंपनी ने कुछ समय पहले ही प्राइम मेंबरशिप की
शुरुआत की है जो कि नॉर्मल यूजर के मुकाबले आधे घंटे
पहले से ही डील्स का मजा उठा पाएंगे।
ऐसे में अगर आप भी डील्स का भरपूर मजा उठाना
चाहते हैं तो अमेजन की प्राइम डील बेहतर है। जाहिर
है कि सामान्य तौर पर डील ओपन होने से पहले ही
प्राइम यूजर्स डील्स का मजा उठा पाएंगे। प्राइस
सब्सक्रिप्शन के तहत यूजर्स को अनलिमिटेड एक और
दो दिन में डिलीवरी का ऑप्शन मिलेगा। इसके
साथ ही आपको ये भी बता दें कि इसमें ऑर्डर की
कोई न्यूनतम राशि नहीं है।
अगर आप भी अमेजन इंडिया की प्राइम सर्विस का
उपयोग करना चाहते हैं तो:
1. अमेजन की साइट पर जाकर प्राइम सर्विस के लिए
साइनअप कीजिए।
2. इसके बाद आपको 60 दिनों का ट्रायल दिया
जाएगा।
3. ट्रायल खत्म होने के बाद भी अगर आप इस सेवा
का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आपको 499 रुपये/
प्रतिवर्ष देने होंगे।
4. प्राप्त खबरों की मानें तो भारत में अमेजन प्राइम
की सेवा के लिए 999 रुपये का शुल्क निर्धारित
किया जा सकता है।
पिछले वर्ष कंपनी की ग्रेट इंडियन फ्रीडम सेल और
ग्रेट इंडियन फेस्टिव सेल के तहत एक्सबॉक्स वन कंसोल
और गेम, एप्पल मैकबुक एयर 13 इंच, माइक्रोमैक्स 49-
इंच फुल एचडी एलईडी टीवी, आईफोन 6 और किंडल
ई-रीडर पर छूट उपलब्ध कराई गई थी।
Wednesday, 20 July 2016
SSC Exam 2016 Basic Details
SSC Recruitment 2016 Upcoming Examination:
Staff Selection Commission Conducts many Examination every year and Here, We will talk about Examination Dates & Timing organized by SSC.
SSC Junior Engineer 2016
RecruitmentSSC (Staff Selection commission) is going to publish SC Junior Engineer 2016 Recruitment Notification on 20th of August 2016.So candidates who are looking for the SSC JE Application Form can now take a deep breath as notification is still to come.Every year SSC conducts Junior Engineer exam for recruitment eligible and hard working candidatesto various departments of our country. SSC JE 2016 exam will be conducted by the organization on 11th of December 2016. So those jobseekers who are eligible for this job must prepare as now you are aware of dates that when the application form will begun and what is the exam date.
SSC Junior Engineer Recruitment 2016 Overview:
Name of conducting bodyStaff Selection CommissionName of ExamSSC Junior Engineer.
Date of publication of notification20-08-2016
Last date to apply online 16-09-2016
Date of exam 11-12-2016
SSC Junior Engineer Vacancy Details:
Name of Organization and Post
1.Central Water CommissionJunior Engineer (Civil)
2.Central Water CommissionJunior Engineer (Mechanical)
3.CPWDJunior Engineer (Civil)
4.CPWDJunior Engineer (Electrical)
5.Department of PostJunior Engineer (Civil)
6.Department of PostJunior Engineer (Electrical)
7.MESJunior Engineer(Civil)
8.MESJunior Engineer(Electrical and Mechanical)
9.MESJunior Engineer(`Quantity Surveying and Contract)
SSC Junior Engineer Eligibility Criteria:
Job seekers how are going to appearin the exam must check the SSC JE Eligibility Criteria from this page before applying for it.
Education Required:
Applicants who wish to apply for thisSSC JE 2016 must have passed Degree or Diploma in Engineering in the discipline of Civil or Electrical or Mechanical from a recognized university or board or institute.
Age Limit:
Candidates who will apply must not be less than 18 years of age and maximum age limit is as per the norms set by the organization.Relaxation in age will be given to the reserved category candidates as per the limit set by the organization.
Application fees:·
Application fee for general/OBCcategory candidate is 100/- only.·
Candidates from reserved quota SC/ST and girls from all categories will exempted from any fees.· Candidates can deposit fee of application through the State Bank I-collect option online otherwise theycan pay auto generated challan of SBI bank.
Selection procedure:
Selection of the aspirants on post of JE will be done on the basis of total marks in the written examination & personal interview. Those candidates who qualify from the written papers will be called for personal interview round. At last all finally selected candidates will called for document verification after that whose documents are in order will finally recruited for 2 year progression period .After the completion of progression candidates will appointed on permanent basis.
Hunza people are so beautiful their women see 30 in age of 80(see in pics)
Hunza people live in Hunza Valley in Pakistan. These people are live long 120 year and men of these group having sex and child in age of 90.these people lived simply and walk most time , they wakeup early morning 3:30 and first meal of their day 12:00pm .
Their is some amazing pics of this tribe.
Hunza destination is most famous tourist place in Pakistan.
Their is some amazing pics of this tribe.
Hunza destination is most famous tourist place in Pakistan.
Some Sportmen relation with porn stars
कनाडा के हॉकी प्लेयर मिशेल डेल जोटो और
ही दिना तक चला। फिर बदनामी के डर से मिशेल
ने रिश्ते तोड़ लिए।
पूर्व नंबर वन गोल्फर टाइगर वुड्स के पोर्न स्टार
जोसलीन जेम्स से रिलेशन का खुलासा होने के
बाद वाइफ एलिन नारडेग्रेन ने तलाक दे दिया
था।
पोर्न स्टार लिसा एन की लव स्टोरी ने स्पोर्ट्स
वर्ल्ड में तहलका मचा दिया था। हालांकि ये कुछही दिना तक चला। फिर बदनामी के डर से मिशेल
ने रिश्ते तोड़ लिए।
3 बार की ग्रैंड स्लैम और ओलिंपिक विनर वुमन
टेनिस स्टार जेनिफर कैप्रियाटी पोर्न इंडस्ट्री के
फेमस एक्टर डेल डाबोन के रिलेशन में आते ही ड्रग्स
भी लेने लगी थीं।
जोसलीन जेम्स से रिलेशन का खुलासा होने के
बाद वाइफ एलिन नारडेग्रेन ने तलाक दे दिया
था।
अमेरिकन बास्केटबॉलर ड्विट हावर्ड का मैरी
कैरी से रिलेशन रहे। इस वजह से हावर्ड की रियल
गर्लफ्रेंड और उनके बच्चे की मां रॉयसी रीड ने
साथ छोड़ दिया था।
अमेरिकन मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स फाइटर चौक
लिडेल और पोर्न स्टार जैडिन जेम्स की प्रेम
कहानी ने भी खूब सुर्खियां बटोरी।
बेसबॉल स्टार बैरी बॉन्ड्स के पोर्न स्टार डेवन
शायर से रिलेशन रहे।
अमेरिकन फुटबॉल स्टार हिंस वॉर्ड और लिसा एन
के अफेयर ने जमकर सुर्खियां बटोरी थीं।
अमेरिकन फुटबॉल स्टार रॉब ग्रोनोस्की और
पोर्न स्टार बिबी जोंस की फोटोज ने स्पोर्ट्स
वर्ल्ड में तहलका मचा दिया था। रॉब अफेयर की
बात स्वीकारी भी थी।
अमेरिकन फुटबॉल स्टार टनर्ड जैकसन के पोर्न स्टार
जेमिनी से रिलेशन रहे।
MMA फाइट वॉर मशीन और क्रिस्टी 5 साल तक
रिलेशन में रहे। एक बार वॉर सरप्राइज देने के लिए
अचानक घर पहुंचे तो क्रिस्टी किसी और पुरुष
दोस्त के साथ थीं। इस पर वॉर ने बहुत बेरहमी से
क्रिस्टी की पिटाई कर दी थी। इस मामले ने
काफी सुर्खियां बटोरी थी।
अमेरिकन मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स फाइटर टिटो
ओर्टिज के पोर्न स्टार जेना जैमसन से रिलेशन रहे।
Saturday, 16 July 2016
How to root your device?
For rooting your device first of all you have to
Step -1
download Kingo Root app from playstore.
Step-2
After downloading kingoroot you have to open your internet connection and click on root device.
Step-3
After finishing the operation your phone were rooted now enjoy rooting device advantage.
Root Your Device
Advantage to root your device
1.you can hack any app data including games also.
2.you can inter virus on Android system.
3.you can change boot animation of device.
4.increase RAM of device but it's dangerous for android system.
5.you can uninstall system apps and also delete system apps.
6.you can install that apps who is not in your system You use apps like system apps.
7.when u get root successfully U can increases your system ROM.
8.U can create hacked files of apk by root Mobile using some apps like root explorer or zip viewer.
9.U CAn force Android phone to get Mobile update faster.
10. U can modify apps like to block Google ads.
11.u can disable whole system ads.
Many things u have done by rooted phone like Wifi password hack ,Facebook password hack What's App account hack on the next post we will teach you.
Enjoy😀😀
Wednesday, 13 July 2016
जानिए कौन सी हैं वे 15 बातें, जिन्हें दुनिया से छुपाता है चीन
चीन दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश है और इसकी जनसंख्या करीब 1 अरब 35 करोड़ है। चीन के कुछ रहस्य ऐसे हैं, जिन्हें दुनिया नहीं जानती और चीनी चाहते हैं कि इनके बारे में दुनिया के लोगों को जानकारी भी न हो। हम आपको ऐसे ही रहस्यों की जानकारी दे रहे हैं।
1.सीधे मार दी जाती है गोली
सभी देशों ने सजा देने की प्रक्रिया में
थोडी ढ़ील दी है। लेकिन चीन अपने पुराने रवैये को जारी रखे हुए है। यहां क्रिमिनल्स को फांसी या कैमिकल अटैक न देकर उन्हें गोली मार दी जाती है। वर्ष
2005 में दुनिया भर में जितने लोगों को मौत की सजा
दी गई थी, उनमें अकेले चीन में यह संख्या चार गुने से अधिक थी।
2.कई शहर हैं भूतिया
चीन में करीब 6 करोड़ 50 लाख मकान खाली हैं, जिसमें कई कस्बे भी शामिल हैं, जहां कोई नहीं रहता है। यह पुराने या जर्जर नहीं बल्कि पूरी तरह से नए बनाए गए कस्बे और भवन हैं, जो लोगों की संभावित बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखकर बनाए गए थे।
3.खाली पड़े हैं मॉल
चीन गर्व से इस बात का दावा कर सकता है कि उसके देश में सबसे लम्बा मॉल है। इसका नाम न्यू साउथ चाइना मॉल है, जिसमें 2350 स्टोर हैं और इसमें 70 लाख वर्ग फुट जगह किराए पर देने के लिए मौजूद है। लेकिन इसे लेकर समस्या यह है कि खोले जाने के
7 वर्ष बाद से यह 99 फीसदी खाली है। इसके मुख्य द्वार के पास कुछेक फास्ट फूड स्टोर हैं। ऐसे और भी मॉल यहां हैं।
4.पार्क में रहते हैं बौने
चीन में एक स्थान है जिसे किंगडम ऑफ द लिटल
पीपुल कहा जाता है। इस स्थान पर बौने लोगों को पर्यटकों के मनोरंजन के लिए रखा जाता है। इस पार्क में करीब 100 से ज्यादा बौने रहते हैं।
5.गुफाओं में रहते हैं लोग
यहां के 3 करोड़ से ज्यादा लोग गुफाओं में रहते हैं। इनमें से
ज्यादातर लोग शानशी प्रांत में रहते हैं जहां
मिट्टी में गुफाएं बनाना आसान होता है। इन्हें अक्सर ईंटों
से सजा दिया जाता है।
6.वायु प्रदूषण
चीन में औद्योगीकरण के चलते इतना अधिक
वायु प्रदूषण हो गया है कि लोग घर से बाहर मास्क पहनकर निकलते हैं ताकि उन्हें सांस लेने में परेशानी न हो। यह समस्या केवल चीन तक ही सीमित
नहीं है, बल्कि यह हवा के प्रवाह के साथ अमेरिका के
उत्तरी कैलिफोर्निया तक पहुंचती है। सैन
फ्रांसिस्को में हवा का एक तिहाई वायु प्रदूषण चीन से
आता है।
1.सीधे मार दी जाती है गोली
सभी देशों ने सजा देने की प्रक्रिया में
थोडी ढ़ील दी है। लेकिन चीन अपने पुराने रवैये को जारी रखे हुए है। यहां क्रिमिनल्स को फांसी या कैमिकल अटैक न देकर उन्हें गोली मार दी जाती है। वर्ष
2005 में दुनिया भर में जितने लोगों को मौत की सजा
दी गई थी, उनमें अकेले चीन में यह संख्या चार गुने से अधिक थी।
2.कई शहर हैं भूतिया
चीन में करीब 6 करोड़ 50 लाख मकान खाली हैं, जिसमें कई कस्बे भी शामिल हैं, जहां कोई नहीं रहता है। यह पुराने या जर्जर नहीं बल्कि पूरी तरह से नए बनाए गए कस्बे और भवन हैं, जो लोगों की संभावित बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखकर बनाए गए थे।
3.खाली पड़े हैं मॉल
चीन गर्व से इस बात का दावा कर सकता है कि उसके देश में सबसे लम्बा मॉल है। इसका नाम न्यू साउथ चाइना मॉल है, जिसमें 2350 स्टोर हैं और इसमें 70 लाख वर्ग फुट जगह किराए पर देने के लिए मौजूद है। लेकिन इसे लेकर समस्या यह है कि खोले जाने के
7 वर्ष बाद से यह 99 फीसदी खाली है। इसके मुख्य द्वार के पास कुछेक फास्ट फूड स्टोर हैं। ऐसे और भी मॉल यहां हैं।
4.पार्क में रहते हैं बौने
चीन में एक स्थान है जिसे किंगडम ऑफ द लिटल
पीपुल कहा जाता है। इस स्थान पर बौने लोगों को पर्यटकों के मनोरंजन के लिए रखा जाता है। इस पार्क में करीब 100 से ज्यादा बौने रहते हैं।
5.गुफाओं में रहते हैं लोग
यहां के 3 करोड़ से ज्यादा लोग गुफाओं में रहते हैं। इनमें से
ज्यादातर लोग शानशी प्रांत में रहते हैं जहां
मिट्टी में गुफाएं बनाना आसान होता है। इन्हें अक्सर ईंटों
से सजा दिया जाता है।
6.वायु प्रदूषण
चीन में औद्योगीकरण के चलते इतना अधिक
वायु प्रदूषण हो गया है कि लोग घर से बाहर मास्क पहनकर निकलते हैं ताकि उन्हें सांस लेने में परेशानी न हो। यह समस्या केवल चीन तक ही सीमित
नहीं है, बल्कि यह हवा के प्रवाह के साथ अमेरिका के
उत्तरी कैलिफोर्निया तक पहुंचती है। सैन
फ्रांसिस्को में हवा का एक तिहाई वायु प्रदूषण चीन से
आता है।
7.बच्चों में होता है जन्मजात दोष
वर्ष 2001 से चीन में जन्म लेने वाले बच्चों में
जन्मजात दोष 40 फीसदी की दर
से बढ़ रहा है। चीन में हर साल करीब 1
करोड़ बीस लाख शिशु जन्म लेते हैं जो जन्मजात दोषों से ग्रस्त होते हैं। यहां प्रत्येक 30 सेकंड पर एक शिशु का जन्म होता है।
8.लोग पीते हैं प्रदूषित पानी
पूरा देश प्रदूषित पानी की समस्या से
पीढ़ित है। हर दिन 70 करोड़ लोग गंदा पानी
पीते हैं। यहां केवल 10 प्रतिशत सीवेज का
रियूज किया जाता है, बाकि के सारे गंदे पानी को नदियों, तालाबों और झीलों में फेंक दिया जाता है। यही
पानी घरों में सप्लाई कर दिया जाता है और यही
भूजल में शामिल हो जाता है।
9.पुनर्जन्म पर है रोक
यह एक हास्यास्पद दावा है कि चीन सरकार ने बौद्ध
भिक्षुओं के पुनर्जन्म पर रोक लगा दी है। कोई
भी पूछ सकता है कि यह संभव कैसे होता है? कहा जाता है कि फिर से जन्म लेने के लिए भी चीन
सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है। वास्तव में,
इस तरह की हास्यास्पद कोशिशें दलाई लामा के प्रभाव को सीमित करने की कोशिश है।
10.गोबी रेगिस्तान में समाता जा रहा है चीन
गोबी रेगिस्तान चीन का सबसे बड़ा रेगिस्तान है।
यह 500,000 स्कैवयर मील में फैला हुआ है। जो कि
पेरू के साइज के बराबर है। यह रेगिस्तान हर दिन बड़ रहा है। हर साल इसमें 1400 स्कैवयर मील एड हो जाता है। लगातार वनों की कटाई, चराई और पानी की
कमी के कारण ऐसा हो रहा है।
11.जमकर होती है पायरेसी
वर्ष 2010 में चीन में बने कम्प्यूटरों में जो सॉफ्टवेयर
लगाए गए थे, उनमें से 78 फीसदी अवैध
तरीके से चोरी किए गए थे। सारी
दुनिया में तकनीकी चोरी की
दर जहां 42 फीसद है वहीं चीन
में यह दर लगभग दोगुनी है।
12.फलते फूलते ईसाई
यह आश्चर्यजनक है कि चीन में करीब 5
करोड़ 40 लाख ईसाई हैं और इनकी संख्या
बढ़ती जा रही है। जल्द ही इनकी गिनती दुनिया की
बड़ी ईसाई जनसंख्या में होगी। चीन
में आज इटली से ज्यादा ईसाई लोग हैं।
13.बहुत गरीबी
हालांकि यह बात सभी जानते हैं कि अमेरिका भी
चीन से पैसा उधार लेता है, लेकिन इसके बावजूद
चीन की बहुत सारी जनसंख्या
गरीबी में जीती है।
वास्तव में चीन में करीब 10 करोड़ लोग ऐसे हैं
जो कि प्रति दिन एक डॉलर यानी 67 रुपए आय पर गुजर करते हैं। करीब 4 करोड़ लोग ऐसे हैं जो कि प्रति दिन 2 डॉलर यानी 134 रुपए से कम आय पर जीवन
गुजारते हैं।
14.टाइम जोन से परेशान है चीनी
चीन के हिस्से में सूर्योदय सुबह 10 बजे के वक्त पर
होता है। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि देश ने अपने 5 टाइम जोन को मिलाकर एक कर दिया है। वर्ष 1949 में चीन की कम्युनिश्ट पार्टी ने तय किया कि देश बहुत बड़ा है, इसलिए इस पर नियंत्रण के लिए जरूरी है कि एक जैसे टाइम जोन- बीजिंग स्टैंडर्ड टाइम- के अंतर्गत रखा जाए। इसके परिणामस्वरूप देश के कई हिस्सों में सनराइज टाइम दस बजे सुबह तक निर्धारित है।
15.वेबसाइट्स पर रोक
चीन में 2009 से फेसबुक और ट्विटर पर रोक है।
2012 में एक लेख पर नाराज होकर चीन सरकार ने
न्यूयॉर्क टाइम्स पर भी रोक लगा दी थी। कहा जा रहा है कि सरकार शंघाई फ्री टेड जोन में जल्द ही रोक हटा सकती है लेकिन यह फैसला भी कारोबारी कारणों से प्रभावित होगा।
धोनी का पहला प्यार
इंडियन क्रिकेटर एमएस धोनी का पहला
प्यार वाइफ साक्षी धोनी नहीं बल्कि
कोई और लड़की थी। इस बात का खुलासा हुआ
है उनपर बन रही फिल्म ‘एमएस धोनी- द
अनटोल्ड स्टोरी’ से। मीडिया रिपोर्ट्स के
अनुसार धोनी स्टार क्रिकेटर बनने से पहले उस
लड़की के साथ रिलेशनशिप में थे। जानें क्या
थी ये सीक्रेट लव स्टोरी...
- ये बात तब की है जब धोनी की
उम्र करीब 20 साल की थी।
- वो तब स्टार क्रिकेटर नहीं बने थे और क्रिकेट में
एंट्री करने के लिए मेहनत कर रहे थे।
- उसी दौरान उनका अफेयर प्रियंका झा नाम की
लड़की से था। दोनों शादी करना चाहते थे।
- 2003-04 में धोनी ने तीन देशों
की सीरीज में बढ़िया परफॉर्म किया।
- इंडिया-ए के लिए खेलते हुए उन्होंने केन्या और जिम्बाब्वे के
खिलाफ 362 रन बनाए थे।
- यहीं से धोनी ने तब इंडियन कैप्टन रहे
सौरव गांगुली को इम्प्रेस किया था।
- इसके बाद धोनी क्रिकेट में बिजी हो गए।
- इसी बीच एक टूर से लौटने के बाद उन्हें
पता चला कि प्रियंका की एक एक्सीडेंट में मौत
हो गई है।
- इस झटके से धोनी सदमे में थे। इससे निकलने में उन्हें
करीब सालभर का वक्त लगा।
- पुरानी यादों से बाहर निकलते हुए धोनी ने खुद
को पूरी तरह क्रिकेट में बिजी कर लिया।
- क्रिकेट में वापसी करते हुए 2005 में उन्होंने
पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ शानदार
सेन्चुरी लगाई।
प्यार वाइफ साक्षी धोनी नहीं बल्कि
कोई और लड़की थी। इस बात का खुलासा हुआ
है उनपर बन रही फिल्म ‘एमएस धोनी- द
अनटोल्ड स्टोरी’ से। मीडिया रिपोर्ट्स के
अनुसार धोनी स्टार क्रिकेटर बनने से पहले उस
लड़की के साथ रिलेशनशिप में थे। जानें क्या
थी ये सीक्रेट लव स्टोरी...
- ये बात तब की है जब धोनी की
उम्र करीब 20 साल की थी।
- वो तब स्टार क्रिकेटर नहीं बने थे और क्रिकेट में
एंट्री करने के लिए मेहनत कर रहे थे।
- उसी दौरान उनका अफेयर प्रियंका झा नाम की
लड़की से था। दोनों शादी करना चाहते थे।
- 2003-04 में धोनी ने तीन देशों
की सीरीज में बढ़िया परफॉर्म किया।
- इंडिया-ए के लिए खेलते हुए उन्होंने केन्या और जिम्बाब्वे के
खिलाफ 362 रन बनाए थे।
- यहीं से धोनी ने तब इंडियन कैप्टन रहे
सौरव गांगुली को इम्प्रेस किया था।
- इसके बाद धोनी क्रिकेट में बिजी हो गए।
- इसी बीच एक टूर से लौटने के बाद उन्हें
पता चला कि प्रियंका की एक एक्सीडेंट में मौत
हो गई है।
- इस झटके से धोनी सदमे में थे। इससे निकलने में उन्हें
करीब सालभर का वक्त लगा।
- पुरानी यादों से बाहर निकलते हुए धोनी ने खुद
को पूरी तरह क्रिकेट में बिजी कर लिया।
- क्रिकेट में वापसी करते हुए 2005 में उन्होंने
पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ शानदार
सेन्चुरी लगाई।
Clash of clan
Time is money: How Clash of Clans earns
500,000 a day with in-app purchases
Confession time: While I like to rationalize my
blog’s recent silence with changing jobs and
moving to a new city, the truth is, the single biggest
drain on my free time lately has been Supercell’s
Clash of Clans . While this apparently puts me in
good company , I decided it’s about time I shared
what I’ve learned about how this “free” game
apparently manages to spin well over $500,000 a
day for its creator Supercell. (Update : Forbes
reports Supercell now earns over $2.4m a day , the
majority of that from Clash of Clans .)
Overview
The core of Clash of Clans is a bog-standard
resource management game: mine “gold” and
“elixir”, use gold and elixir to buy improvements to
your town so you can build stronger armies, raid
other players in order to loot their gold and elixir,
rinse and repeat. If you’ve ever played Starcraft, Age
of Empires or pretty much any other real-time
strategy game, you’ll know the drill, and the
buildings and units come off as almost painfully
derivative. There’s a Barracks for new troops and
Archer Towers for defense, you’ve got Zerg -like
cheap and disposable Barbarians, weak but ranged
Archers, slow Giant tanks for soaking up damage,
etc. But formulas are formulas because they work,
and it’s fun to set up your little village, win your
first battles and watch your (thoroughly
meaningless) levels and experience points rack up.
The touch-screen interface is a pleasure to use and
the smoothly zoomable 3D graphics are beautifully
animated with cute little touches; for example, when
you tap to select an army camp, every unit salutes
their leader in a different way.
Show Me the Gems
“So that’s all well and good”, I hear you say, “but
where’s the money coming from?”
In the standard Zynga playbook for making money
off with freemium games, you would let players buy
gold, elixir or the items they want directly. But Clash
of Clans adds a twist: you can’t buy anything
directly, but you can buy a third resource called
“gems”. Unlike gold and elixir, gems are not
necessary for building anything functional, they’re
simply a type of “power-up” that serve as a
shortcut. Need more gold to finish a building? Buy
it with gems. Need more elixir to add a dragon to
your army? Buy it with gems. Don’t want to wait a
week for a building to finish? Complete it instantly
with gems. In other words, gems mean instant
satisfaction. What’s more, their cost is neatly
obfuscated: purchased gems come in big, oddly
numbered stashes (500, 1200, 2500, 6500, 14000),
and once you have the pile sitting in your account,
it’s easier to whittle it away 834 gems at time,
whereas you’d probably think twice if asked to
punch in your credit card details and confirm that
you really want to pay $6.98 (just a sliver under the
U.S. federal minimum wage) to upgrade your
Wizard Tower.
Yet this formula’s beauty is that none of this is
immediately apparent. You start the game with 500
gems, which is plenty for the initial stages, and
there are many easily earned “achievements” that
reward you with more, so that you don’t initially
appreciate their value. The initial buildings are fast
to build, with some building instantly and others
taking a minute here or five minutes there. And
you’re shielded from enemy attacks for three days,
so you can take your time building up your base
and raiding the AI’s goblin bases for easy loot.
As you advance through the levels, though, the time
and expense of everything ramps up exponentially.
A level 2 Town Hall takes 5 minutes to build and
costs 1,000 gold; a level 8 Town Hall takes 8 days
and costs 2,000,000 gold. And you soon encounter
the next twist: on the later levels, patience is no
longer enough . A maxed-out set of Gold Mines can
produce 360,000 gold a day, meaning you could
theoretically accumulate the sum neeeded for that
Town Hall upgrade in 6 days. However, you’re being
continually raided by other players, and since other
players can see your wealth before they choose to
attack, a fat bank account means you’re a fat target.
What’s more, since successful raids award
percentages of your wealth, a single “three-star”
attack worth 25% can see 500,000 gold disappear
in a flash.
There’s more. In
your typical RTS,
collected resources
immediately go
into your central
storage. In Clash
of Clans , though,
they stay in the collectors, vulnerable to attack both
by location and design (up to 50% can be stolen,
vs. 20% for central storage), until you log in to
manually transfer them to relative safety with a tap.
This, too, makes it difficult to accumulate large
amounts and encourages you to login at least
several times a day. The chart shows why: if you
start with 1,000,000 gold in storage, earn 360,000
daily, and get attacked once daily, losing 50% from
your collectors and 20% from central storage, the
player who doesn’t bother logging in for two weeks
will see their pile drop 75% to under 250,000, while
the player who logs in religiously four times a day
will increase their wealth by over 50% to 1,550,000
— but even their earnings flatline well before two
million.
What this means is that, once your bankroll is over
1.5 million or so, the only free way to keep the
balance growing is grinding , a tedious non-stop
cycle of raiding and army rebuilding, with nervous
logins every five minutes to keep raiders at bay (you
cannot be attacked while online). In their
grandmotherly kindness, though, Supercell provides
you a whole wealth of alternatives. Can you spot the
pattern?
You can use gems to buy “shields” that stop you
from getting raided: 250 gems ($2.50) . Lest that
seem too cheap, you’re preventing from using
more than one week of shield per month.
You can use gems to fill up your gold or elixir
storages instantly: 834 gems ($8.34)
You can use gems to upgrade your gold mines
to the next level, where they will work faster: 966
gems ($9.66)
You can use gems to buy additional “workers”,
so you can upgrade your production faster and
earn gold/elixir faster: 1000 gems ($9.98)
You can use gems to double your production of
gold or elixir for a 6-hour period. Repeated
across six mines for three days: 1368 gems ($
13.68)
You can use gems to rebuild your armies
instantly, so you can keep raiding and racking up
loot without anybody having a chance to steal
their money back via the handy “Revenge”
button. Assuming 50k elixir to rebuild and 50k
profit per raid: 2760 gems ($27.60)
And once you’ve
finally earned those
2 million and
clicked the “Build”
button, it takes
another 8 days to
build the thing —
unless, that is, you
fork out another 1123 gems ($11.23) for instant
completion. It’s little wonder most players start “to
gem” (it’s a verb in Clash of Clans parlance) by the
time they reach Town Hall level 7 or so, the stage
when most costs are measured in millions and
building virtually anything unassisted takes days.
Jorge Yao, the game’s undisputed champion,
figures he has spent north of $2500 in real money
on buying gems
, and according to back-of-the-envelope
calculations, the cost of fully fitting out your virtual
village is on the order of $5000 when you include
walls. It’s little wonder the top clans leaderboard is
full of players like “>< Royal ><” from Kuwaiti clan
“Q8 FORCE” and clan UAE’s “khalifa” (presumably
from Bahrain’s ruling House of Khalifa ).
Your Pain is Supercell’s Gain
Unsurprisingly, the
entire game has
been warped in
subtle ways to
encourage buying
and using gems.
For example, in your average real-time strategy
game, you have fine-grained control deploying and
directing your troops, and units that survive can be
used in the next battle. Not so in Clash of Clans :
once deployed, units fight according to their
hardcoded strategy (most commonly the
harebrained “bash closest building”, regardless of
what it is or who is firing at them), and every unit
deployed disappears at the end of the battle, even if
they are victorious. This means it’s essential to
rebuild huge armies and to attack with massive
force every time. And since building those dragons
can take several hours, during which time you’re
wide open to attack, there’s another massive
inducement to solve the problem with a few gems.
Probably the most blatant case of tilting the table is
the recent introduction of “Dark Elixir”, a third in-
game resource geared squarely at high-level
players. Collected at the glacially slow pace of 20
units per hour, even in an raidless pacifist world it
would take 21 days of waiting to accrue the 10,000
units needed purchase its main selling point, the
Barbarian King, and the table is stacked further yet
by subjecting collectors to 75% raid losses. Who
wouldn’t pay $6 to skip the tedium and uncertainty?
In comparison, the “clans” of the name seem
almost like an afterthought. Their primary function is
to be a gifting circle , where players donate units to
others in their clan, and receive units in return. And
that’s it: clan players cannot share gold or elixir,
much less gems. But they do provide another handy
lever of extra social pressure to ensure you log in
regularly, since clan troops defend your base, die
when attacked and can only be received on explicit
request, and since most clans enforce minimum per
week donations and kick out “freeloaders” who have
not paid their dues.
But It Could Be Worse…
Some credit where credit is due: unlike Zynga’s
notoriously annoying games, Clash of Clans does
not require Facebook signup, cram the game full of
ads, spam you and your friends, or pimp your
personal information to random third parties. And
while you’ll be reminded that “Hey, you could use
gems for this” whenever you try to do something
you can’t afford, if you stay within your means and
have the patience of an ascetic saint, you’ll never
even get asked for money.
Conclusion
At the end of the day, my feelings towards Clash of
Clans are distinctly mixed. Being a penny-pincher
whose in-game purchases have been limited to a
single $4.99 gem pack, even that largely as a token
of appreciation to the game’s makers, I can’t really
complain about the hours of entertainment I’ve
gotten in exchange. Yet I still can’t help but cringe
as I run into all the ways the game is intentionally
crippled to get you to pay up, and the way its
Pavlovian triggers to come back for more operate
on fear. Would Minecraft have been any fun if it
required you to log in every six hours or you’d lose
parts of your inventory? And how much more
awesome would Clash of Clans be if the effort of
squeezing every last cent out had been put into
improving the game itself instead?
500,000 a day with in-app purchases
Confession time: While I like to rationalize my
blog’s recent silence with changing jobs and
moving to a new city, the truth is, the single biggest
drain on my free time lately has been Supercell’s
Clash of Clans . While this apparently puts me in
good company , I decided it’s about time I shared
what I’ve learned about how this “free” game
apparently manages to spin well over $500,000 a
day for its creator Supercell. (Update : Forbes
reports Supercell now earns over $2.4m a day , the
majority of that from Clash of Clans .)
Overview
The core of Clash of Clans is a bog-standard
resource management game: mine “gold” and
“elixir”, use gold and elixir to buy improvements to
your town so you can build stronger armies, raid
other players in order to loot their gold and elixir,
rinse and repeat. If you’ve ever played Starcraft, Age
of Empires or pretty much any other real-time
strategy game, you’ll know the drill, and the
buildings and units come off as almost painfully
derivative. There’s a Barracks for new troops and
Archer Towers for defense, you’ve got Zerg -like
cheap and disposable Barbarians, weak but ranged
Archers, slow Giant tanks for soaking up damage,
etc. But formulas are formulas because they work,
and it’s fun to set up your little village, win your
first battles and watch your (thoroughly
meaningless) levels and experience points rack up.
The touch-screen interface is a pleasure to use and
the smoothly zoomable 3D graphics are beautifully
animated with cute little touches; for example, when
you tap to select an army camp, every unit salutes
their leader in a different way.
Show Me the Gems
“So that’s all well and good”, I hear you say, “but
where’s the money coming from?”
In the standard Zynga playbook for making money
off with freemium games, you would let players buy
gold, elixir or the items they want directly. But Clash
of Clans adds a twist: you can’t buy anything
directly, but you can buy a third resource called
“gems”. Unlike gold and elixir, gems are not
necessary for building anything functional, they’re
simply a type of “power-up” that serve as a
shortcut. Need more gold to finish a building? Buy
it with gems. Need more elixir to add a dragon to
your army? Buy it with gems. Don’t want to wait a
week for a building to finish? Complete it instantly
with gems. In other words, gems mean instant
satisfaction. What’s more, their cost is neatly
obfuscated: purchased gems come in big, oddly
numbered stashes (500, 1200, 2500, 6500, 14000),
and once you have the pile sitting in your account,
it’s easier to whittle it away 834 gems at time,
whereas you’d probably think twice if asked to
punch in your credit card details and confirm that
you really want to pay $6.98 (just a sliver under the
U.S. federal minimum wage) to upgrade your
Wizard Tower.
Yet this formula’s beauty is that none of this is
immediately apparent. You start the game with 500
gems, which is plenty for the initial stages, and
there are many easily earned “achievements” that
reward you with more, so that you don’t initially
appreciate their value. The initial buildings are fast
to build, with some building instantly and others
taking a minute here or five minutes there. And
you’re shielded from enemy attacks for three days,
so you can take your time building up your base
and raiding the AI’s goblin bases for easy loot.
As you advance through the levels, though, the time
and expense of everything ramps up exponentially.
A level 2 Town Hall takes 5 minutes to build and
costs 1,000 gold; a level 8 Town Hall takes 8 days
and costs 2,000,000 gold. And you soon encounter
the next twist: on the later levels, patience is no
longer enough . A maxed-out set of Gold Mines can
produce 360,000 gold a day, meaning you could
theoretically accumulate the sum neeeded for that
Town Hall upgrade in 6 days. However, you’re being
continually raided by other players, and since other
players can see your wealth before they choose to
attack, a fat bank account means you’re a fat target.
What’s more, since successful raids award
percentages of your wealth, a single “three-star”
attack worth 25% can see 500,000 gold disappear
in a flash.
There’s more. In
your typical RTS,
collected resources
immediately go
into your central
storage. In Clash
of Clans , though,
they stay in the collectors, vulnerable to attack both
by location and design (up to 50% can be stolen,
vs. 20% for central storage), until you log in to
manually transfer them to relative safety with a tap.
This, too, makes it difficult to accumulate large
amounts and encourages you to login at least
several times a day. The chart shows why: if you
start with 1,000,000 gold in storage, earn 360,000
daily, and get attacked once daily, losing 50% from
your collectors and 20% from central storage, the
player who doesn’t bother logging in for two weeks
will see their pile drop 75% to under 250,000, while
the player who logs in religiously four times a day
will increase their wealth by over 50% to 1,550,000
— but even their earnings flatline well before two
million.
What this means is that, once your bankroll is over
1.5 million or so, the only free way to keep the
balance growing is grinding , a tedious non-stop
cycle of raiding and army rebuilding, with nervous
logins every five minutes to keep raiders at bay (you
cannot be attacked while online). In their
grandmotherly kindness, though, Supercell provides
you a whole wealth of alternatives. Can you spot the
pattern?
You can use gems to buy “shields” that stop you
from getting raided: 250 gems ($2.50) . Lest that
seem too cheap, you’re preventing from using
more than one week of shield per month.
You can use gems to fill up your gold or elixir
storages instantly: 834 gems ($8.34)
You can use gems to upgrade your gold mines
to the next level, where they will work faster: 966
gems ($9.66)
You can use gems to buy additional “workers”,
so you can upgrade your production faster and
earn gold/elixir faster: 1000 gems ($9.98)
You can use gems to double your production of
gold or elixir for a 6-hour period. Repeated
across six mines for three days: 1368 gems ($
13.68)
You can use gems to rebuild your armies
instantly, so you can keep raiding and racking up
loot without anybody having a chance to steal
their money back via the handy “Revenge”
button. Assuming 50k elixir to rebuild and 50k
profit per raid: 2760 gems ($27.60)
And once you’ve
finally earned those
2 million and
clicked the “Build”
button, it takes
another 8 days to
build the thing —
unless, that is, you
fork out another 1123 gems ($11.23) for instant
completion. It’s little wonder most players start “to
gem” (it’s a verb in Clash of Clans parlance) by the
time they reach Town Hall level 7 or so, the stage
when most costs are measured in millions and
building virtually anything unassisted takes days.
Jorge Yao, the game’s undisputed champion,
figures he has spent north of $2500 in real money
on buying gems
, and according to back-of-the-envelope
calculations, the cost of fully fitting out your virtual
village is on the order of $5000 when you include
walls. It’s little wonder the top clans leaderboard is
full of players like “>< Royal ><” from Kuwaiti clan
“Q8 FORCE” and clan UAE’s “khalifa” (presumably
from Bahrain’s ruling House of Khalifa ).
Your Pain is Supercell’s Gain
Unsurprisingly, the
entire game has
been warped in
subtle ways to
encourage buying
and using gems.
For example, in your average real-time strategy
game, you have fine-grained control deploying and
directing your troops, and units that survive can be
used in the next battle. Not so in Clash of Clans :
once deployed, units fight according to their
hardcoded strategy (most commonly the
harebrained “bash closest building”, regardless of
what it is or who is firing at them), and every unit
deployed disappears at the end of the battle, even if
they are victorious. This means it’s essential to
rebuild huge armies and to attack with massive
force every time. And since building those dragons
can take several hours, during which time you’re
wide open to attack, there’s another massive
inducement to solve the problem with a few gems.
Probably the most blatant case of tilting the table is
the recent introduction of “Dark Elixir”, a third in-
game resource geared squarely at high-level
players. Collected at the glacially slow pace of 20
units per hour, even in an raidless pacifist world it
would take 21 days of waiting to accrue the 10,000
units needed purchase its main selling point, the
Barbarian King, and the table is stacked further yet
by subjecting collectors to 75% raid losses. Who
wouldn’t pay $6 to skip the tedium and uncertainty?
In comparison, the “clans” of the name seem
almost like an afterthought. Their primary function is
to be a gifting circle , where players donate units to
others in their clan, and receive units in return. And
that’s it: clan players cannot share gold or elixir,
much less gems. But they do provide another handy
lever of extra social pressure to ensure you log in
regularly, since clan troops defend your base, die
when attacked and can only be received on explicit
request, and since most clans enforce minimum per
week donations and kick out “freeloaders” who have
not paid their dues.
But It Could Be Worse…
Some credit where credit is due: unlike Zynga’s
notoriously annoying games, Clash of Clans does
not require Facebook signup, cram the game full of
ads, spam you and your friends, or pimp your
personal information to random third parties. And
while you’ll be reminded that “Hey, you could use
gems for this” whenever you try to do something
you can’t afford, if you stay within your means and
have the patience of an ascetic saint, you’ll never
even get asked for money.
Conclusion
At the end of the day, my feelings towards Clash of
Clans are distinctly mixed. Being a penny-pincher
whose in-game purchases have been limited to a
single $4.99 gem pack, even that largely as a token
of appreciation to the game’s makers, I can’t really
complain about the hours of entertainment I’ve
gotten in exchange. Yet I still can’t help but cringe
as I run into all the ways the game is intentionally
crippled to get you to pay up, and the way its
Pavlovian triggers to come back for more operate
on fear. Would Minecraft have been any fun if it
required you to log in every six hours or you’d lose
parts of your inventory? And how much more
awesome would Clash of Clans be if the effort of
squeezing every last cent out had been put into
improving the game itself instead?
Tuesday, 12 July 2016
Top star's love story
स्टार रेसलर ब्रॉक लेसनर 39 साल (12
जुलाई, 1977) के हो गए हैं। अपने प्रोफेशन के कारण
हिट हुए लेसनर के बारे में कम ही लोग जानते होंगे कि
उनकी वाइफ उनसे 10 साल बड़ी हैं। लेसनर की ये
पहली शादी है, जबकि उनकी वाइफ साबले की
तीसरी। कुछ ऐसी इंटरेस्टिंग है पर्सनल लाइफ...
- ब्रॉक लेसनर ने अपने से 10 साल बड़ी साबले से मई
2006 में शादी की। दोनों के दो बेटे हैं।
- लेसनर की ये भले ही पहली शादी थी लेकिन इससे
पहले वो निकोल मैक्लेन के साथ रिलेशनशिप में थे।
- निकोल से उनके दो बच्चे (एक बेटी और एक बेटा) हैं।
ये ट्विंस हैं। इनकी कस्टडी लेसनर के पास है।
- वहीं, साबले (8 अगस्त, 1967) की ये तीसरी है।
उनकी पहली शादी वायने डब्ल्यू रिचर्डसन से 1986
हुई थी।
- इनकी एक बेटी मारिश का जन्म 1991 में हुआ। इसी
साल वायने की एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गई।
- 1993 में साबले ने रेसलर और बॉक्सर मार्क मेरा से
शादी की। 2004 में तलाक हो गया।
- इसके बाद साबले-लेसनर ने दो साल तक एक-दूसरे को डेट किया।
डेविड वॉर्नर, क्रिकेटर
- ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर वॉर्नर की वाइफ कैंडिस
उनसे करीब 1.5 साल बड़ी हैं। कुछ समय तर लिव-इन में
रहने के बाद इन्होंने अप्रैल, 2015 में शादी की। कपल
की दो बेटियां हैं।
शिखर धवन, क्रिकेटर
- धवन की वाइफ अयशा मुखर्जी उनके 10 साल बड़ी
हैं। 2012 में हुई धवन की ये पहली, जबकि आयशा की
दूसरी शादी है। पहली शादी से उनकी दो बेटियां हैं।
धवन-आयशा का एक बेटा है।
जुलाई, 1977) के हो गए हैं। अपने प्रोफेशन के कारण
हिट हुए लेसनर के बारे में कम ही लोग जानते होंगे कि
उनकी वाइफ उनसे 10 साल बड़ी हैं। लेसनर की ये
पहली शादी है, जबकि उनकी वाइफ साबले की
तीसरी। कुछ ऐसी इंटरेस्टिंग है पर्सनल लाइफ...
- ब्रॉक लेसनर ने अपने से 10 साल बड़ी साबले से मई
2006 में शादी की। दोनों के दो बेटे हैं।
- लेसनर की ये भले ही पहली शादी थी लेकिन इससे
पहले वो निकोल मैक्लेन के साथ रिलेशनशिप में थे।
- निकोल से उनके दो बच्चे (एक बेटी और एक बेटा) हैं।
ये ट्विंस हैं। इनकी कस्टडी लेसनर के पास है।
- वहीं, साबले (8 अगस्त, 1967) की ये तीसरी है।
उनकी पहली शादी वायने डब्ल्यू रिचर्डसन से 1986
हुई थी।
- इनकी एक बेटी मारिश का जन्म 1991 में हुआ। इसी
साल वायने की एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गई।
- 1993 में साबले ने रेसलर और बॉक्सर मार्क मेरा से
शादी की। 2004 में तलाक हो गया।
- इसके बाद साबले-लेसनर ने दो साल तक एक-दूसरे को डेट किया।
डेविड वॉर्नर, क्रिकेटर
- ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर वॉर्नर की वाइफ कैंडिस
उनसे करीब 1.5 साल बड़ी हैं। कुछ समय तर लिव-इन में
रहने के बाद इन्होंने अप्रैल, 2015 में शादी की। कपल
की दो बेटियां हैं।
शिखर धवन, क्रिकेटर
- धवन की वाइफ अयशा मुखर्जी उनके 10 साल बड़ी
हैं। 2012 में हुई धवन की ये पहली, जबकि आयशा की
दूसरी शादी है। पहली शादी से उनकी दो बेटियां हैं।
धवन-आयशा का एक बेटा है।
'सुल्तान' ने 'बजरंगी' को पीछे छोड़ा: 5 दिन में 10 रिकॉर्ड, वर्ल्डवाइड कमाए 344 करोड
'सुल्तान' बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्डतोड़ कमाई
कर रही है। बीते बुधवार रिलीज हुई इस फिल्म ने
रविवार तक इंडियन बॉक्स ऑफिस पर नेट 180 करोड़
रुपए की कमाई कर ली। वहीं, फिल्म का ग्रॉस
कलेक्शन 252.5 करोड़ रुपए हो गया। ओवरसीज में
फिल्म ने पांच दिनों में 92 करोड़ रुपए कमाए। यानी
पांच दिन में फिल्म ने ओवरऑल (डोमेस्टिक और
ओवरसीज) 344.5 करोड़ रुपए का ग्रॉस कलेक्शन कर
लिया। बुधवार से रविवार के बीच मूवी ने हर दिन 30
करोड़ रुपए से ज्याद का कलेक्शन किया है। फिल्म ने
रिलीज से अब तक 10 रिकॉर्ड बनाए...
1# एडवांस बुकिंग का रिकॉर्ड
सलमान-अनुष्का स्टारर 'सुल्तान' ने रिलीज से अब तक
कई रिकॉर्ड तोड़े हैं। प्रोडक्शन हाउस यशराज
फिल्म्स के मुताबिक, इस मूवी ने सबसे ज्यादा एडवांस
बुकिंग का रिकॉर्ड बनाया है। हालांकि, यशराज ने
इसके आंकड़े नहीं बताए हैं।
2# ओपनिंग डे का रिकॉर्ड
प्री-ईद पर सबसे ज्यादा ओपनिंग डे कलेक्शन का
रिकॉर्ड सुल्तान के नाम हो गया है। यह कलेक्शन 36.5
करोड़ रुपए का था। कोई भी मूवी प्री-ईद पर इस
आंकड़े को छू नहीं पाई है।
3# पहले तीन दिन में सबसे तेज
शुरुआती तीन दिन में किसी भी हिंदी फिल्म की यह
सबसे ज्यादा कमाई है। सुल्तान ने 3 दिन में 105 करोड़
रुपए कमाए। इसने बजरंगी भाईजान का 103 करोड़ रुपए
कमाई का रिकॉर्ड तोड़ा।
4# पांच दिनों में सबसे तेज
शुरुआती पांच दिनों में सबसे ज्यादा कमाई (180
करोड़) का रिकॉर्ड। बजरंगी भाईजान ने 5 दिन में
151 करोड़ कमाए थे।
5# लगातार 30+ करोड़ की कमाई
- सुल्तान ने लगातार पांच दिन तक 30 करोड़ से
ज्यादा की कमाई की, जो अपने आपमें एक रिकॉर्ड
है।
- इस मूवी ने बुधवार को 36.5 करोड़, गुरुवार को 37.3
करोड़, शुक्रवार को 31.6 करोड़, शनिवार को 36.6
करोड़ और रविवार को 38.2 करोड़ रुपए कमाए।
6# ओपनिंग वीकेंड का रिकॉर्ड
इंडियन बॉक्स ऑफिस पर अब तक हाईएस्ट ओपनिंग
वीकेंड कलेक्शन (नेट 180 करोड़ और ग्रॉस 252.5
करोड़ रुपए)। बुधवार को रिलीज से लेकर रविवार तक
मूवी को 5 दिन मिले।
7# सलमान के करियर की सबसे बड़ी वीकेंड
ओपनिंग
सुल्तान सलमान के करियर की हाईएस्ट वीकेंड ओपनर
है। इससे पहले बजरंगी भाईजान ने 103 करोड़ कमाए थे।
8# ईद पर रिलीज हुईं अब तक की सभी फिल्मों में
हाईएस्ट वीकेंड ओपनर।
9# वर्ल्डवाइड भी आगे निकली
पहले ही वीकेंड वर्ल्डवाइड 344.5 करोड़ रुपए का
ग्रॉस कलेक्शन करने वाली पहली इंडियन फिल्म। इससे
पहले बजरंगी भाईजान ने पहले वीकेंड में वर्ल्डवाइड
272 करोड़ का कलेक्शन किया था।
10# पाकिस्तान में भी बनाए रिकॉर्ड
पाकिस्तान में सिर्फ तीन दिन में 10 लाख डॉलर
का कलेक्शन करने वाली इकलौती फिल्म।
पाकिस्तान में किसी भी इंडियन फिल्म की अब तक
की सबसे बड़ी ओपनिंग।
इंटरनेशनल बॉक्स ऑफिस पर रिकाॅर्ड्स...
- अमेरिका और कनाडा में नॉन हॉलिडे में हाईएस्ट
वीकेंड ओपनर।
- यूके और आयरलैंड में पहले दिन सबसे ज्यादा कमाई
वाली फिल्म।
- यूएई-जीसीसी में किसी भी हॉलीवुड या इंडियन
फिल्म की सबसे ज्यादा एडवांस बुकिंग।
- सबसे तेजी (पांच दिनों में) से यूएई-जीसीसी में 50
लाख डॉलर का आंकड़ा छूने वाली फिल्म।
कर रही है। बीते बुधवार रिलीज हुई इस फिल्म ने
रविवार तक इंडियन बॉक्स ऑफिस पर नेट 180 करोड़
रुपए की कमाई कर ली। वहीं, फिल्म का ग्रॉस
कलेक्शन 252.5 करोड़ रुपए हो गया। ओवरसीज में
फिल्म ने पांच दिनों में 92 करोड़ रुपए कमाए। यानी
पांच दिन में फिल्म ने ओवरऑल (डोमेस्टिक और
ओवरसीज) 344.5 करोड़ रुपए का ग्रॉस कलेक्शन कर
लिया। बुधवार से रविवार के बीच मूवी ने हर दिन 30
करोड़ रुपए से ज्याद का कलेक्शन किया है। फिल्म ने
रिलीज से अब तक 10 रिकॉर्ड बनाए...
1# एडवांस बुकिंग का रिकॉर्ड
सलमान-अनुष्का स्टारर 'सुल्तान' ने रिलीज से अब तक
कई रिकॉर्ड तोड़े हैं। प्रोडक्शन हाउस यशराज
फिल्म्स के मुताबिक, इस मूवी ने सबसे ज्यादा एडवांस
बुकिंग का रिकॉर्ड बनाया है। हालांकि, यशराज ने
इसके आंकड़े नहीं बताए हैं।
2# ओपनिंग डे का रिकॉर्ड
प्री-ईद पर सबसे ज्यादा ओपनिंग डे कलेक्शन का
रिकॉर्ड सुल्तान के नाम हो गया है। यह कलेक्शन 36.5
करोड़ रुपए का था। कोई भी मूवी प्री-ईद पर इस
आंकड़े को छू नहीं पाई है।
3# पहले तीन दिन में सबसे तेज
शुरुआती तीन दिन में किसी भी हिंदी फिल्म की यह
सबसे ज्यादा कमाई है। सुल्तान ने 3 दिन में 105 करोड़
रुपए कमाए। इसने बजरंगी भाईजान का 103 करोड़ रुपए
कमाई का रिकॉर्ड तोड़ा।
4# पांच दिनों में सबसे तेज
शुरुआती पांच दिनों में सबसे ज्यादा कमाई (180
करोड़) का रिकॉर्ड। बजरंगी भाईजान ने 5 दिन में
151 करोड़ कमाए थे।
5# लगातार 30+ करोड़ की कमाई
- सुल्तान ने लगातार पांच दिन तक 30 करोड़ से
ज्यादा की कमाई की, जो अपने आपमें एक रिकॉर्ड
है।
- इस मूवी ने बुधवार को 36.5 करोड़, गुरुवार को 37.3
करोड़, शुक्रवार को 31.6 करोड़, शनिवार को 36.6
करोड़ और रविवार को 38.2 करोड़ रुपए कमाए।
6# ओपनिंग वीकेंड का रिकॉर्ड
इंडियन बॉक्स ऑफिस पर अब तक हाईएस्ट ओपनिंग
वीकेंड कलेक्शन (नेट 180 करोड़ और ग्रॉस 252.5
करोड़ रुपए)। बुधवार को रिलीज से लेकर रविवार तक
मूवी को 5 दिन मिले।
7# सलमान के करियर की सबसे बड़ी वीकेंड
ओपनिंग
सुल्तान सलमान के करियर की हाईएस्ट वीकेंड ओपनर
है। इससे पहले बजरंगी भाईजान ने 103 करोड़ कमाए थे।
8# ईद पर रिलीज हुईं अब तक की सभी फिल्मों में
हाईएस्ट वीकेंड ओपनर।
9# वर्ल्डवाइड भी आगे निकली
पहले ही वीकेंड वर्ल्डवाइड 344.5 करोड़ रुपए का
ग्रॉस कलेक्शन करने वाली पहली इंडियन फिल्म। इससे
पहले बजरंगी भाईजान ने पहले वीकेंड में वर्ल्डवाइड
272 करोड़ का कलेक्शन किया था।
10# पाकिस्तान में भी बनाए रिकॉर्ड
पाकिस्तान में सिर्फ तीन दिन में 10 लाख डॉलर
का कलेक्शन करने वाली इकलौती फिल्म।
पाकिस्तान में किसी भी इंडियन फिल्म की अब तक
की सबसे बड़ी ओपनिंग।
इंटरनेशनल बॉक्स ऑफिस पर रिकाॅर्ड्स...
- अमेरिका और कनाडा में नॉन हॉलिडे में हाईएस्ट
वीकेंड ओपनर।
- यूके और आयरलैंड में पहले दिन सबसे ज्यादा कमाई
वाली फिल्म।
- यूएई-जीसीसी में किसी भी हॉलीवुड या इंडियन
फिल्म की सबसे ज्यादा एडवांस बुकिंग।
- सबसे तेजी (पांच दिनों में) से यूएई-जीसीसी में 50
लाख डॉलर का आंकड़ा छूने वाली फिल्म।
Forbes: सबसे ज्यादा कमाने वाले सेलेब्स लिस्ट में शाहरुख-अक्षय
शाहरुख खान और अक्षय कुमार 2016 में सबसे
ज्यादा कमाई करने वाले दुनिया के 100 सेलिब्रिटी
में शामिल हो गए हैं। शाहरुख 3 करोड़ 30 लाख डॉलर
(करीब 221 करोड़ रुपए) की कमाई के साथ लिस्ट में
86th, जबकि अक्षय 3 करोड़ 15 लाख डॉलर(करीब
211 करोड़ रुपए) की कमाई के साथ 94th नंबर पर रहे।
फोर्ब्स की इस लिस्ट में टॉप पर अमेरिकी सिंगर टेलर
स्विफ्ट हैं। 2016 में उनकी कुल कमाई 17 करोड़ डॉलर
(1 हजार 140 करोड़ रुपए) रही।
10 सेलिब्रिटिज की लिस्ट: नाम कमाई (मिलियन डॉलर)
1. टेलर स्विफ्ट, म्यूजिशियन 170
2. वन डायरेक्शन, बैंड 110
3. जेम्स पैटर्सन, ऑथर 95
4. फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो 88
5. डॉ. फिल मैक्ग्रा, टीवी पर्सनैलिटी 88
6. केविन हर्ट, कॉमेडियन 87.5
7. हॉवर्ड स्टर्न, रेडियो/टीवी पर्सनैलिटी 85
8. लियोनेल मैसी, फुटबॉलर 81.5
9. एडली. म्यूजिशियन 80.5
10 . रश लिम्बॉ, टॉक शो एंकर 79
86. शाहरुख खान 33
94. अक्षय कुमार 31.5
फोर्ब्स ने कहा- "शाहरुख लगातार हिट फिल्मों के
जरिए बॉलीवुड बॉक्स ऑफिस पर राज कर रहे हैं। इनसे
वे करोड़ों रुपए कमा रहे हैं।"
- "यह एक्टर फिल्म ही नहीं, बल्कि कई एडवर्टीजमेंट
भी अच्छी खासी कमाई कर रहा है।"
- फोर्ब्स के मुताबिक, 48 साल के अक्षय कुमार साल
2015 में 76th स्थान से फिसलकर 94th स्थान पर पहुंच गए हैं।
- वे अभी भी बॉलीवुड के सबसे बिजी एक्टर में से एक
हैं। उन्होंने तीन हिट फिल्मों के साथ अच्छी कमाई
की है।
- अक्षय ने बाइक और गोल्ड लोन के एडवर्टीजमेंट से
भी कमाई की है।
- इंग्लैंड-आयरलैंड के लड़कों का बैंड 'वन डायरेक्शन' 11
करोड़ डॉलर की कमाई के साथ लिस्ट में दूसरे नंबर पर
है।
- लेखक जेम्स पैटर्सन तीसरे नंबर पर हैं।
- वहीं, रियाल मैड्रिड के फुटबॉलर क्रिस्टियानो
रोनॉल्डो 4th , बास्केटबॉल खिलाड़ी लेब्रॉन जेम्स
11th और सिंगर-एक्ट्रेस मैडोना 12th पायदान पर है।
लिस्ट में वुमन सेलेब्स
- फोर्ब्स की इस लिस्ट में वुमन सेलिब्रिटी कम हुई हैं।
- इस बार इस लिस्ट में 15 वुमन शामिल हैं, जबकि
पिछले साल 16 थीं।
- इस लिस्ट में ब्रितानी गायिका अडेल 9th, किम
करदाशियां 43th और ऑस्कर विजेता जेनिफर लॉरेंस
50th स्थान पर हैं।
ज्यादा कमाई करने वाले दुनिया के 100 सेलिब्रिटी
में शामिल हो गए हैं। शाहरुख 3 करोड़ 30 लाख डॉलर
(करीब 221 करोड़ रुपए) की कमाई के साथ लिस्ट में
86th, जबकि अक्षय 3 करोड़ 15 लाख डॉलर(करीब
211 करोड़ रुपए) की कमाई के साथ 94th नंबर पर रहे।
फोर्ब्स की इस लिस्ट में टॉप पर अमेरिकी सिंगर टेलर
स्विफ्ट हैं। 2016 में उनकी कुल कमाई 17 करोड़ डॉलर
(1 हजार 140 करोड़ रुपए) रही।
10 सेलिब्रिटिज की लिस्ट: नाम कमाई (मिलियन डॉलर)
1. टेलर स्विफ्ट, म्यूजिशियन 170
2. वन डायरेक्शन, बैंड 110
3. जेम्स पैटर्सन, ऑथर 95
4. फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो 88
5. डॉ. फिल मैक्ग्रा, टीवी पर्सनैलिटी 88
6. केविन हर्ट, कॉमेडियन 87.5
7. हॉवर्ड स्टर्न, रेडियो/टीवी पर्सनैलिटी 85
8. लियोनेल मैसी, फुटबॉलर 81.5
9. एडली. म्यूजिशियन 80.5
10 . रश लिम्बॉ, टॉक शो एंकर 79
86. शाहरुख खान 33
94. अक्षय कुमार 31.5
फोर्ब्स ने कहा- "शाहरुख लगातार हिट फिल्मों के
जरिए बॉलीवुड बॉक्स ऑफिस पर राज कर रहे हैं। इनसे
वे करोड़ों रुपए कमा रहे हैं।"
- "यह एक्टर फिल्म ही नहीं, बल्कि कई एडवर्टीजमेंट
भी अच्छी खासी कमाई कर रहा है।"
- फोर्ब्स के मुताबिक, 48 साल के अक्षय कुमार साल
2015 में 76th स्थान से फिसलकर 94th स्थान पर पहुंच गए हैं।
- वे अभी भी बॉलीवुड के सबसे बिजी एक्टर में से एक
हैं। उन्होंने तीन हिट फिल्मों के साथ अच्छी कमाई
की है।
- अक्षय ने बाइक और गोल्ड लोन के एडवर्टीजमेंट से
भी कमाई की है।
- इंग्लैंड-आयरलैंड के लड़कों का बैंड 'वन डायरेक्शन' 11
करोड़ डॉलर की कमाई के साथ लिस्ट में दूसरे नंबर पर
है।
- लेखक जेम्स पैटर्सन तीसरे नंबर पर हैं।
- वहीं, रियाल मैड्रिड के फुटबॉलर क्रिस्टियानो
रोनॉल्डो 4th , बास्केटबॉल खिलाड़ी लेब्रॉन जेम्स
11th और सिंगर-एक्ट्रेस मैडोना 12th पायदान पर है।
लिस्ट में वुमन सेलेब्स
- फोर्ब्स की इस लिस्ट में वुमन सेलिब्रिटी कम हुई हैं।
- इस बार इस लिस्ट में 15 वुमन शामिल हैं, जबकि
पिछले साल 16 थीं।
- इस लिस्ट में ब्रितानी गायिका अडेल 9th, किम
करदाशियां 43th और ऑस्कर विजेता जेनिफर लॉरेंस
50th स्थान पर हैं।
Sunday, 10 July 2016
स्वामी विवेकानन्द सर्वश्रेष्ठ अनमोल वचन
1.जो सत्य है, उसे साहसपूर्वक निर्भीक होकर
लोगों से कहो–उससे किसी को कष्ट होता है
या नहीं, इस ओर ध्यान मत दो। दुर्बलता को
कभी प्रश्रय मत दो। सत्य की ज्योति
‘बुद्धिमान’ मनुष्यों के लिए यदि अत्यधिक
मात्रा में प्रखर प्रतीत होती है, और उन्हें
बहा ले जाती है, तो ले जाने दो–वे जितना
शीघ्र बह जाएँ उतना अच्छा ही है।
2.तुम अपनी अंत:स्थ आत्मा को छोड़ किसी और
के सामने सिर मत झुकाओ। जब तक तुम यह
अनुभव नहीं करते कि तुम स्वयं देवों के देव हो,
तब तक तुम मुक्त नहीं हो सकते।
3.ईश्वर ही ईश्वर की उपलब्थि कर सकता है।
सभी जीवंत ईश्वर हैं–इस भाव से सब को
देखो। मनुष्य का अध्ययन करो, मनुष्य ही
जीवन्त काव्य है। जगत में जितने ईसा या बुद्ध
हुए हैं, सभी हमारी ज्योति से ज्योतिष्मान
हैं। इस ज्योति को छोड़ देने पर ये सब हमारे
लिए और अधिक जीवित नहीं रह सकेंगे, मर
जाएंगे। तुम अपनी आत्मा के ऊपर स्थिर रहो।
4.ज्ञान स्वयमेव वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका
आविष्कार करता है।
5.ब्रह्माण्ड कि सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं.
वो हमीं हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और
फिर रोते हैं कि कितना अन्धकार है!
6.किसी की निंदा ना करें. अगर आप मदद के लिए
हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं.अगर नहीं बढ़ा
सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को
आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने
दीजिये.
7.अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो
इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक
ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये
उतना बेहतर है.
8.तुम अपनी अंत:स्थ आत्मा को छोड़ किसी और के
सामने सिर मत झुकाओ। जब तक तुम यह अनुभव नहीं
करते कि तुम स्वयं देवों के देव हो, तब तक तुम मुक्त
नहीं हो सकते..
9.हम ईश्वर को कहाँ पा सकते हैं अगर हम उसे अपने
आप में और अन्य जीवों में नहीं देखते..
10.जो महापुरुष प्रचार-कार्य के लिए अपना
जीवन समर्पित कर देते हैं, वे उन महापुरुषों की
तुलना में अपेक्षाकृत अपूर्ण हैं, जो मौन रहकर
पवित्र जीवनयापन करते हैं और श्रेष्ठ
विचारों का चिन्तन करते हुए जगत् की
सहायता करते हैं। इन सभी महापुरुषों में एक के
बाद दूसरे का आविर्भाव होता है–अंत में
उनकी शक्ति का चरम फलस्वरूप ऐसा कोई
शक्तिसम्पन्न पुरुष आविर्भूत होता है, जो
जगत् को शिक्षा प्रदान करता है।
11.वेदान्त कोई पाप नहीं जानता , वो केवल त्रुटी
जानता है . और वेदान्त कहता है कि सबसे बड़ी
त्रुटी यह कहना है कि तुम कमजोर हो , तुम पापी
हो , एक तुच्छ प्राणी हो , और तुम्हारे पास कोई
शक्ति नहीं है और तुम ये वो नहीं कर सकते .
12.आध्यात्मिक दृष्टि से विकसित हो चुकने पर
धर्मसंघ में बना रहना अवांछनीय है। उससे बाहर
निकलकर स्वाधीनता की मुक्त वायु में
जीवन व्यतीत करो।
13.दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो..
14.जो अग्नि हमें गर्मी देती है , हमें नष्ट भी कर
सकती है ; यह अग्नि का दोष नहीं है..
15.बडे-बडे दिग्गज बह जायेंगे। छोटे-मोटे की तो
बात ही क्या है! तुम लोग कमर कसकर कार्य में
जुट जाओ, हुंकार मात्र से हम दुनिया को पलट
देंगे। अभी तो केवल मात्र प्रारम्भ ही है।
किसी के साथ विवाद न कर हिल-मिलकर
अग्रसर हो -- यह दुनिया भयानक है, किसी
पर विश्वास नहीं है। डरने का कोई कारण
नहीं है, माँ मेरे साथ हैं -- इस बार ऐसे कार्य
होंगे कि तुम चकित हो जाओगे। भय किस
बात का? किसका भय? वज्र जैसा हृदय
बनाकर कार्य में जुट जाओ।
16.कुछ मत पूछो , बदले में कुछ मत मांगो . जो देना है
वो दो ; वो तुम तक वापस आएगा , पर उसके बारे में
अभी मत सोचो..
17.आकांक्षा , अज्ञानता , और असमानता – यह
बंधन की त्रिमूर्तियां हैं..
18.जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो
. सोचो , तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो
तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं..
19.तमाम संसार हिल उठता। क्या करूँ धीरे – धीरे
अग्रसर होना पड रहा है। तूफ़ान मचा दो तूफ़ान!
20.किसी बात से तुम उत्साहहीन न होओ; जब तक
ईश्वर की कृपा हमारे ऊपर है, कौन इस पृथ्वी
पर हमारी उपेक्षा कर सकता है? यदि तुम
अपनी अन्तिम साँस भी ले रहे हो तो भी न
डरना। सिंह की शूरता और पुष्प की कोमलता
के साथ काम करते रहो।
लोगों से कहो–उससे किसी को कष्ट होता है
या नहीं, इस ओर ध्यान मत दो। दुर्बलता को
कभी प्रश्रय मत दो। सत्य की ज्योति
‘बुद्धिमान’ मनुष्यों के लिए यदि अत्यधिक
मात्रा में प्रखर प्रतीत होती है, और उन्हें
बहा ले जाती है, तो ले जाने दो–वे जितना
शीघ्र बह जाएँ उतना अच्छा ही है।
2.तुम अपनी अंत:स्थ आत्मा को छोड़ किसी और
के सामने सिर मत झुकाओ। जब तक तुम यह
अनुभव नहीं करते कि तुम स्वयं देवों के देव हो,
तब तक तुम मुक्त नहीं हो सकते।
3.ईश्वर ही ईश्वर की उपलब्थि कर सकता है।
सभी जीवंत ईश्वर हैं–इस भाव से सब को
देखो। मनुष्य का अध्ययन करो, मनुष्य ही
जीवन्त काव्य है। जगत में जितने ईसा या बुद्ध
हुए हैं, सभी हमारी ज्योति से ज्योतिष्मान
हैं। इस ज्योति को छोड़ देने पर ये सब हमारे
लिए और अधिक जीवित नहीं रह सकेंगे, मर
जाएंगे। तुम अपनी आत्मा के ऊपर स्थिर रहो।
4.ज्ञान स्वयमेव वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका
आविष्कार करता है।
5.ब्रह्माण्ड कि सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं.
वो हमीं हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और
फिर रोते हैं कि कितना अन्धकार है!
6.किसी की निंदा ना करें. अगर आप मदद के लिए
हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं.अगर नहीं बढ़ा
सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को
आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने
दीजिये.
7.अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो
इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक
ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये
उतना बेहतर है.
8.तुम अपनी अंत:स्थ आत्मा को छोड़ किसी और के
सामने सिर मत झुकाओ। जब तक तुम यह अनुभव नहीं
करते कि तुम स्वयं देवों के देव हो, तब तक तुम मुक्त
नहीं हो सकते..
9.हम ईश्वर को कहाँ पा सकते हैं अगर हम उसे अपने
आप में और अन्य जीवों में नहीं देखते..
10.जो महापुरुष प्रचार-कार्य के लिए अपना
जीवन समर्पित कर देते हैं, वे उन महापुरुषों की
तुलना में अपेक्षाकृत अपूर्ण हैं, जो मौन रहकर
पवित्र जीवनयापन करते हैं और श्रेष्ठ
विचारों का चिन्तन करते हुए जगत् की
सहायता करते हैं। इन सभी महापुरुषों में एक के
बाद दूसरे का आविर्भाव होता है–अंत में
उनकी शक्ति का चरम फलस्वरूप ऐसा कोई
शक्तिसम्पन्न पुरुष आविर्भूत होता है, जो
जगत् को शिक्षा प्रदान करता है।
11.वेदान्त कोई पाप नहीं जानता , वो केवल त्रुटी
जानता है . और वेदान्त कहता है कि सबसे बड़ी
त्रुटी यह कहना है कि तुम कमजोर हो , तुम पापी
हो , एक तुच्छ प्राणी हो , और तुम्हारे पास कोई
शक्ति नहीं है और तुम ये वो नहीं कर सकते .
12.आध्यात्मिक दृष्टि से विकसित हो चुकने पर
धर्मसंघ में बना रहना अवांछनीय है। उससे बाहर
निकलकर स्वाधीनता की मुक्त वायु में
जीवन व्यतीत करो।
13.दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो..
14.जो अग्नि हमें गर्मी देती है , हमें नष्ट भी कर
सकती है ; यह अग्नि का दोष नहीं है..
15.बडे-बडे दिग्गज बह जायेंगे। छोटे-मोटे की तो
बात ही क्या है! तुम लोग कमर कसकर कार्य में
जुट जाओ, हुंकार मात्र से हम दुनिया को पलट
देंगे। अभी तो केवल मात्र प्रारम्भ ही है।
किसी के साथ विवाद न कर हिल-मिलकर
अग्रसर हो -- यह दुनिया भयानक है, किसी
पर विश्वास नहीं है। डरने का कोई कारण
नहीं है, माँ मेरे साथ हैं -- इस बार ऐसे कार्य
होंगे कि तुम चकित हो जाओगे। भय किस
बात का? किसका भय? वज्र जैसा हृदय
बनाकर कार्य में जुट जाओ।
16.कुछ मत पूछो , बदले में कुछ मत मांगो . जो देना है
वो दो ; वो तुम तक वापस आएगा , पर उसके बारे में
अभी मत सोचो..
17.आकांक्षा , अज्ञानता , और असमानता – यह
बंधन की त्रिमूर्तियां हैं..
18.जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो
. सोचो , तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो
तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं..
19.तमाम संसार हिल उठता। क्या करूँ धीरे – धीरे
अग्रसर होना पड रहा है। तूफ़ान मचा दो तूफ़ान!
20.किसी बात से तुम उत्साहहीन न होओ; जब तक
ईश्वर की कृपा हमारे ऊपर है, कौन इस पृथ्वी
पर हमारी उपेक्षा कर सकता है? यदि तुम
अपनी अन्तिम साँस भी ले रहे हो तो भी न
डरना। सिंह की शूरता और पुष्प की कोमलता
के साथ काम करते रहो।
बर्थडे विशेष:- महान क्रिकेटर सुनील मनोहर गावस्कर
महान क्रिकेटर सुनील मनोहर
गावस्कर को सबसे अधिक टेस्ट रनों और टेस्ट शतकों
का रिकॉर्ड कायम करने के लिए जाना जाता है।
क्रिकेट इतिहास के सबसे महान खिलाड़ियों में से
एक गावस्कर ऐसे पहले बल्लेबाज हैं, जिन्होंने टेस्ट
क्रिकेट में 10,000 रन बनाए। साथ ही उन्होंने 30
सेंचुरी भी बनाई। एक बेहतर ओपनर गावस्कर की तेज
गेंदबाजों के खिलाफ तकनीक हमेशा कमाल की
रही। सिर्फ यही नहीं, गावस्कर ऐसे पहले भारतीय
खिलाड़ी हैं, जिनके नाम 100 से अधिक कैच
(विकेट कीपिंग को छोड़कर) पकड़ने का रिकॉर्ड है।
गावस्कर 1983 में वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय
टीम के सदस्य थे। भारत सरकार द्वारा गावस्कर
को पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित भी किया
जा चुका है।
1.देश के 'स्कूलबॉय क्रिकेटर ऑफ द ईयर' बने : सुनील गावस्कर 1966 में भारत के सबसे अच्छे 'स्कूलबॉय
क्रिकेटर ऑफ द ईयर' बने। मुंबई के प्रसिद्ध सेंट
जेवियर्स कॉलेज के छात्र रह चुके सुनील गावस्कर ने
साल 1968-69 में कर्नाटक के खिलाफ मैच खेले,
लेकिन उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा और उनके
सिलेक्शन पर ही सवाल उठ गए। दरअसल, सिलेक्शन
टीम में उनके अंकल माधव मंत्री शामिल थे और
सुनील गावस्कर का सिलेक्शन इसी का नतीजा
माना गया। सुनील गावस्कर ने अपने क्रिकेट
कैरियर की शुरुआत 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ
की थी।
2.एक अनोखा रिकॉर्ड भी : सुनील गावस्कर के
क्रिकेट कैरियर का एक अनोखा रिकॉर्ड यह भी है
कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में तो 34 शतक जड़े, लेकिन
एकदिवसीय मैच में मात्र एक शतक न्यूजीलैंड के
खिलाफ बनाया था। जिस मैच में गावस्कर ने यह
शतक जड़ा था, वह काफी खास हो गया था,
क्योंकि इस मैच में उन्हें 102 डिग्री बुखार था,
इसके बावजूद उन्होंने शतक जड़ दिया था। उनकी
यह पारी काफी चर्चित रही।
गावस्कर को फॉस्ट बॉलिंग को खेलने में महारत
हासिल थी : वेस्टइंडीज के जिन लंबे कद वाले
तेजतर्रार बॉलर्स के आगे लोग हेलमेट पहनकर भी
खेलने से घबराते थे, उन्हें सुनील गावस्कर ने बिना
हेलमेट के खेलकर लोगों को अचंभित कर दिया।
उनकी फास्ट बॉलर्स के खिलाफ टेकनिक और
शानदार बल्लेबाजी को देख लोग बेहद आश्चर्य
चकित थे। उस वक्त एक सामान्य कद के दुबले-पतले से
इस लड़के ने जब वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की गेंद को
बाउंड्री के बाहर भेजना शुरू किया तो लोग
उनकी बल्लेबाज को नोटिस कर सराहने लगे। इसके
बाद तो मैदान पर मानों जैसे गावस्कर का लोहा
माना जाने लगा। उसकी बल्लेबाजी की
काबिलियत ने उन्हें समय के साथ क्रिकेट का
लिजेंड बना दिया।
3.तीन बार किसी टेस्ट मैच की दोनों पारियों में
शतक जमाया : सुनील गावस्कर तीन बार किसी
टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक जमाने वाले
ऐसे पहले क्रिकेटर थे, लेकिन इनमें से एक भी मैच में
भारत जीत हासिल नहीं कर सका। गावस्कर के
नाम बड़ा रिकॉर्ड यह है कि वह ऐसे पहले बैट्समैन हैं,
जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन बनाए। उनका
वेस्टइंडीज के खिलाफ 65.45 का औसत है, जिसकी
तेज गेंदबाजी उस दौर में जबरदस्त थी।
सफल कप्तान साबित नहीं हो सके : हालांकि
गावस्कर जितने सफल खिलाड़ी रहे उतने सफल
कप्तान साबित नहीं हुए। उस दौर में कप्तानी उनके
और कपिल देव के बीच ही बदलती रही। गावस्कर
की कप्तानी में भारतीय बॉलिंग अटैक कमजोर
और पुराने किस्म का रहा, जिसकी वजह से
अधिकतर मैच ड्रॉ हो गए।
4.कभी ईडन गार्डन में न खेलने की कसम खाई :
दरअसल, 1984-85 में इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता
के ईडन गार्डन्स में खेलते हुए सुनील गावस्कर को
जनता का भारी गुस्सा झेलना पड़ा और इसके
पीछे वजह थी उनका अत्यधिक धीमा प्रदर्शन।
इससे जनता ने गुस्से में आकर गावस्कर के आउट होने के नारे लगाए। यहां तक की उन पर फल भी फेंके। इसके बाद गावस्कर ने कभी ईडन गार्डन्स में न खेलने की कसम खाई।
5.क्रिकेट से संबंधित कई महत्वपूर्ण किताबें भी
लिखी : सुनील गावस्कर ने क्रिकेट से संबंधित कई
महत्वपूर्ण किताबें भी लिखी हैं। इनमें सनी डेज,
आइडल्स, रंस एण्ड रूइंस तथा वन डे वंडर्स काफ़ी
ज्यादा लोकप्रिय हुई हैं।
गावस्कर को सबसे अधिक टेस्ट रनों और टेस्ट शतकों
का रिकॉर्ड कायम करने के लिए जाना जाता है।
क्रिकेट इतिहास के सबसे महान खिलाड़ियों में से
एक गावस्कर ऐसे पहले बल्लेबाज हैं, जिन्होंने टेस्ट
क्रिकेट में 10,000 रन बनाए। साथ ही उन्होंने 30
सेंचुरी भी बनाई। एक बेहतर ओपनर गावस्कर की तेज
गेंदबाजों के खिलाफ तकनीक हमेशा कमाल की
रही। सिर्फ यही नहीं, गावस्कर ऐसे पहले भारतीय
खिलाड़ी हैं, जिनके नाम 100 से अधिक कैच
(विकेट कीपिंग को छोड़कर) पकड़ने का रिकॉर्ड है।
गावस्कर 1983 में वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय
टीम के सदस्य थे। भारत सरकार द्वारा गावस्कर
को पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित भी किया
जा चुका है।
1.देश के 'स्कूलबॉय क्रिकेटर ऑफ द ईयर' बने : सुनील गावस्कर 1966 में भारत के सबसे अच्छे 'स्कूलबॉय
क्रिकेटर ऑफ द ईयर' बने। मुंबई के प्रसिद्ध सेंट
जेवियर्स कॉलेज के छात्र रह चुके सुनील गावस्कर ने
साल 1968-69 में कर्नाटक के खिलाफ मैच खेले,
लेकिन उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा और उनके
सिलेक्शन पर ही सवाल उठ गए। दरअसल, सिलेक्शन
टीम में उनके अंकल माधव मंत्री शामिल थे और
सुनील गावस्कर का सिलेक्शन इसी का नतीजा
माना गया। सुनील गावस्कर ने अपने क्रिकेट
कैरियर की शुरुआत 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ
की थी।
2.एक अनोखा रिकॉर्ड भी : सुनील गावस्कर के
क्रिकेट कैरियर का एक अनोखा रिकॉर्ड यह भी है
कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में तो 34 शतक जड़े, लेकिन
एकदिवसीय मैच में मात्र एक शतक न्यूजीलैंड के
खिलाफ बनाया था। जिस मैच में गावस्कर ने यह
शतक जड़ा था, वह काफी खास हो गया था,
क्योंकि इस मैच में उन्हें 102 डिग्री बुखार था,
इसके बावजूद उन्होंने शतक जड़ दिया था। उनकी
यह पारी काफी चर्चित रही।
गावस्कर को फॉस्ट बॉलिंग को खेलने में महारत
हासिल थी : वेस्टइंडीज के जिन लंबे कद वाले
तेजतर्रार बॉलर्स के आगे लोग हेलमेट पहनकर भी
खेलने से घबराते थे, उन्हें सुनील गावस्कर ने बिना
हेलमेट के खेलकर लोगों को अचंभित कर दिया।
उनकी फास्ट बॉलर्स के खिलाफ टेकनिक और
शानदार बल्लेबाजी को देख लोग बेहद आश्चर्य
चकित थे। उस वक्त एक सामान्य कद के दुबले-पतले से
इस लड़के ने जब वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की गेंद को
बाउंड्री के बाहर भेजना शुरू किया तो लोग
उनकी बल्लेबाज को नोटिस कर सराहने लगे। इसके
बाद तो मैदान पर मानों जैसे गावस्कर का लोहा
माना जाने लगा। उसकी बल्लेबाजी की
काबिलियत ने उन्हें समय के साथ क्रिकेट का
लिजेंड बना दिया।
3.तीन बार किसी टेस्ट मैच की दोनों पारियों में
शतक जमाया : सुनील गावस्कर तीन बार किसी
टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक जमाने वाले
ऐसे पहले क्रिकेटर थे, लेकिन इनमें से एक भी मैच में
भारत जीत हासिल नहीं कर सका। गावस्कर के
नाम बड़ा रिकॉर्ड यह है कि वह ऐसे पहले बैट्समैन हैं,
जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन बनाए। उनका
वेस्टइंडीज के खिलाफ 65.45 का औसत है, जिसकी
तेज गेंदबाजी उस दौर में जबरदस्त थी।
सफल कप्तान साबित नहीं हो सके : हालांकि
गावस्कर जितने सफल खिलाड़ी रहे उतने सफल
कप्तान साबित नहीं हुए। उस दौर में कप्तानी उनके
और कपिल देव के बीच ही बदलती रही। गावस्कर
की कप्तानी में भारतीय बॉलिंग अटैक कमजोर
और पुराने किस्म का रहा, जिसकी वजह से
अधिकतर मैच ड्रॉ हो गए।
4.कभी ईडन गार्डन में न खेलने की कसम खाई :
दरअसल, 1984-85 में इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता
के ईडन गार्डन्स में खेलते हुए सुनील गावस्कर को
जनता का भारी गुस्सा झेलना पड़ा और इसके
पीछे वजह थी उनका अत्यधिक धीमा प्रदर्शन।
इससे जनता ने गुस्से में आकर गावस्कर के आउट होने के नारे लगाए। यहां तक की उन पर फल भी फेंके। इसके बाद गावस्कर ने कभी ईडन गार्डन्स में न खेलने की कसम खाई।
5.क्रिकेट से संबंधित कई महत्वपूर्ण किताबें भी
लिखी : सुनील गावस्कर ने क्रिकेट से संबंधित कई
महत्वपूर्ण किताबें भी लिखी हैं। इनमें सनी डेज,
आइडल्स, रंस एण्ड रूइंस तथा वन डे वंडर्स काफ़ी
ज्यादा लोकप्रिय हुई हैं।
हर रिश्ते को सफल बनाने के ये हैं सीक्रेटस्
1.ये बात गांठ बांध लीजिए कि आपका पार्टनर
आपकी या रिश्ते की तमाम जरूरतें पूरी नहीं कर
सकता। अगर आप ये बात मान लेंगे तो आप दोनों के
बीच बेफिजूल के मनमुटाव की गुंजाइश नहीं होगी।
2.अगर किसी रिश्ते से आपको खुशी मिलती है तो
उसकी सफलता की जिम्मेदारी भी आप पर ही
निर्भर करती है। इसलिए रिश्ता चाहे सास-बहू का
हो या मां-बेटे का या फिर दो दोस्त या
शादीशुदा जोड़े का, हर रिश्ते में एडजस्टमेंट और
कॉम्प्रोमाइज की जरूरत होती है। इसके लिए तैयार
रहें।
3.अपने साथी को उसकी कमियों के साथ अपनाएं।
आप दोनों के विचार अलग हो सकते हैं, लेकिन
इसका मतलब नहीं कि सामने वाला गलत है और आप
सही। अपनी बात उनपर थोपें नहीं।
4.जब भी झगड़ा हो साथ बैठकर बात करें और उसे हल
करें। सबसे अहम बात, अपने आपस का मन मुटाव
किसी तीसरे के सामने जाहिर न करें।
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